हजारीबागः नगर निगम क्षेत्र में होर्डिंग, बैनर और पोस्टर लगाने को लेकर नीति बनाई गई है ताकि निगम की अपनी आमदनी होती रहे. लेकिन हजारीबाग नगर निगम (Hazaribag Municipal Corporation) क्षेत्र में विज्ञापन नीति का पालन नहीं हो रहा है. स्थिति यह है कि नगर निगम के लाखों रुपये की क्षति पहुंचाकर लोग धड़ल्ले से राजनीतिक होर्डिंग से लेकर व्यावसायीक विज्ञापन लगा रहे हैं. हलांकि, अब नगर निगम प्रशासन अवैध होर्डिंग ( Illegal hoarding) के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में हैं.
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निगम क्षेत्र में वही विज्ञापन एजेंसी होर्डिंग लगा सकती है जो निगम से निबंधित है. इसके अलावा टेंडर के माध्यम से चयनित की गई एजेंसी ही निगम की ओर से चिन्हित स्थलों पर होडिंग, फ्लैक्स और बैनर लगा सकती है. इसके बदले में एजेंसी को प्रतिवर्ष शुल्क जमा करना पड़ता है. इस आमदनी से जनहित की योजनाएं पूरी की जाती है. लेकिन, नगर निगम से बिना अनुमति लिए व्यावसायिक और राजनीतिक होर्डिंग लगाकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. हजारीबाग नगर निगम के नगर आयुक्त गरिमा सिंह ने बताया कि अभियान चलाकर शहर से अवैध होडिंग हटाएंगे. इसे लेकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और निर्धारित समय-सीमा के भीतर एक-एक अवैध होर्डिंग हटाएंगे. उन्होंने होर्डिंग लगाने वाले लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपना होर्डिंग हटा लें अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अनुमति लेकर लगाना होगा होर्डिंग
नगर आयुक्त ने कहा कि जिन लोगों को अपनी होर्डिंग लगवानी है वह विधिवत तरीके से अनुमति लेकर शुल्क जमा करें और होर्डिंग लगाए. उन्होंने बताया कि अवैध होर्डिंग हटाने के बाद होर्डिंग से प्राप्त होने वाली राजस्व का आकलन किया जाएगा. इसके आधार पर निगम अपनी आमदमी बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि निगम को टैक्स से जो पैसा आता है उस पैसे से क्षेत्र का विकास किया जाता है.
करोड़ों रुपये का हो चुका है नुकसान
अब तक हजारीबाग नगर निगम को अवैध होर्डिंग से करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है. इस नुकसान को कैसे भरपाई की जाएगी और कैसे राजस्व को बढ़ाया जाएगा. यह आने वाले दिनों में देखना होगा.