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यहां की महिला किसानों ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ, बन गईं लखपति!

इस बदलते दौर में महिलाएं भी खुद को बदल रही हैं और सशक्त हो रही हैं. सिर्फ शहर ही नहीं, बल्कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों की महिलाएं भी आज अपने पैरों पर खड़ी हो रही है और इतिहास रच रही है. ऐसा ही एक नजारा हजारीबाग के सुदूरवर्ती चूरचू गांव में देखने को मिला, जहां की महिलाएं तरबूज की खेती कर लखपति बन रही हैं.

महिला किसान ने बंजर भूमि में उगाया तरबूज
Hazaribag female farmer grown watermelon in barren land
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Published : Apr 19, 2020, 2:34 PM IST

Updated : Apr 19, 2020, 8:32 PM IST

हजारीबाग: जिले के चूरचू प्रखंड की महिला किसान अब राज्य के लोगों को तरबूज खिलाएंगी. इसकी तैयारी करीब-करीब कर ली गई है. लॉकडाउन होने के बावजूद ई-नाम के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों में तरबूज पहुंचाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. अगले 1 हफ्ते में हजारीबाग के चुरचू प्रखंड का तरबूज विभिन्न जिलों में मौजूद कृषि उत्पाद समिति के माध्यम से वहां के व्यापारियों को उपलब्ध कराया जाएगा.

देखें स्पेशल खबर

तरबूज की लाली से होंगे लाल

हजारीबाग प्रखंड के बेहरा, चरही, चनारो समेत अन्य गांव में करीब डेढ़ हजार एकड़ खेत में तरबूज की खेती की गई है. 2 से 4 दिनों के अंदर ऑनलाइन बीडिंग करते हुए मार्केटिंग कर इसे बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा. इतने बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती टाटा सीनी ट्रस्ट और सपोर्ट की ओर से संचालित चूरचू नारी महासंघ के माध्यम से की जा रही है. तरबूज की खेती करने वाली महिला किसान कहती हैं कि तरबूज की लाली से इस बार वे लोग लाल हो जाएंगे. इसके लिए उनलोगों ने दिन रात मेहनत किया है.

ये भी पढ़ें-लॉकडाउन से रांची के सुदूरवर्ती इलाकों में मुश्किल की जिंदगी, 'महुआ' खाकर लोग कर रहे गुजारा

15 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य

महिला किसान का कहना है कि हाइटेक तरीके से उन्होंने यह खेती की है और इस बार लगभग 15 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य रखा है. कहा जाए तो महिला किसानों ने बंजर भूमि से सोना उगाने का काम काम किया है. आने वाले दिनों में इनकी फसल न जाने कितने बाजारों की रौनक बढ़ाएंगी. जरूरत है ऐसी महिलाओं से हमें सीख लेने की और इनके हौसले को बढ़ाने की.

हजारीबाग: जिले के चूरचू प्रखंड की महिला किसान अब राज्य के लोगों को तरबूज खिलाएंगी. इसकी तैयारी करीब-करीब कर ली गई है. लॉकडाउन होने के बावजूद ई-नाम के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों में तरबूज पहुंचाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. अगले 1 हफ्ते में हजारीबाग के चुरचू प्रखंड का तरबूज विभिन्न जिलों में मौजूद कृषि उत्पाद समिति के माध्यम से वहां के व्यापारियों को उपलब्ध कराया जाएगा.

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तरबूज की लाली से होंगे लाल

हजारीबाग प्रखंड के बेहरा, चरही, चनारो समेत अन्य गांव में करीब डेढ़ हजार एकड़ खेत में तरबूज की खेती की गई है. 2 से 4 दिनों के अंदर ऑनलाइन बीडिंग करते हुए मार्केटिंग कर इसे बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा. इतने बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती टाटा सीनी ट्रस्ट और सपोर्ट की ओर से संचालित चूरचू नारी महासंघ के माध्यम से की जा रही है. तरबूज की खेती करने वाली महिला किसान कहती हैं कि तरबूज की लाली से इस बार वे लोग लाल हो जाएंगे. इसके लिए उनलोगों ने दिन रात मेहनत किया है.

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15 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य

महिला किसान का कहना है कि हाइटेक तरीके से उन्होंने यह खेती की है और इस बार लगभग 15 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य रखा है. कहा जाए तो महिला किसानों ने बंजर भूमि से सोना उगाने का काम काम किया है. आने वाले दिनों में इनकी फसल न जाने कितने बाजारों की रौनक बढ़ाएंगी. जरूरत है ऐसी महिलाओं से हमें सीख लेने की और इनके हौसले को बढ़ाने की.

Last Updated : Apr 19, 2020, 8:32 PM IST
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