हजारीबाग: जिले के 2 किसान अशोक महतो और फुलेश्वर महतो से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को संवाद स्थापित करने वाले थे. लेकिन किसी कारणवश इन लोगों से संवाद स्थापित नहीं हो सका. ऐसे में दोनों किसान मायूस हैं. लेकिन दोनों यह भी कहते हैं कि प्रधानमंत्री के सामने अगर हमारा नाम हमारे काम को लेकर गया है तो यह भी गौरव की बात है.
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पीएम से नहीं हो सकी बात
हर व्यक्ति की चाहत होती है कि प्रधानमंत्री के साथ संवाद करे. ऐसे में 2 किसान अशोक और फुलेश्वर का नाम भी पीएम से संवाद को लेकर चर्चा में आया था. दोनों किसान भी पीएम से बात करने को लेकर उम्मीद लगाए हुए थे कि निर्धारित समय पर फोन आएगा और वे अपनी बात पीएम से साझा करेंगे. लेकिन किसी कारणवश बात नहीं हो पाई. पीएम से संवाद नहीं होने पर दोनों किसान जहां निराश हैं वहीं उन्होंने अपने काम की चर्चा को लेकर गर्व जताया. दोनों ने कहा पीएम ने अगर उनके कामों को जाना है तो ये भी उपलब्धि से कम नहीं है. उन्होंने कहा आने वाले समय में हम और भी अच्छा काम करेंगे जिससे पीएम जरूर हम लोगों से बात करेंगे.
क्या है दोनों किसानों की उपलब्धि?
दरअसल, हजारीबाग के दोनों किसान अशोक महतो और फुलेश्वर महतो ने अपनी कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत को बदलकर चर्चा में आए थे. अशोक महतो ने ई-नाम (e NAM) पोर्टल के जरिए बड़ी मात्रा में ऑनलाइन खेती उत्पाद बेचकर रिकॉर्ड कायम किया है. उन्होंने पोर्टल के जरिए साढ़े 4 क्विंटल मूली, 821.56 क्विंटल गेहूं और 20 क्विंटल सरसो 14 जून तक बेचकर एक नया रिकॉर्ड बनाया. इससे उन्हें काफी आमदनी भी हुई. वहीं फुलेश्वर महतो की बात करें तो उन्होंने चुरचू बाड़ी फल सब्जी प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बनाई है जो साल 2016 से हजारीबाग के चुरचू में काम कर रही है. इस कंपनी में 41 गांव के 760 किसान जुड़े हैं. यह कंपनी किसानों के उत्पाद को ई-नाम (e NAM) पोर्टल के जरिए और विभिन्न मंडियों में थोक के भाव में भी बेचता है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिल रहा है.
हजारीबाग के लिए आदर्श हैं दोनों किसान
पीएम से अशोक महतो और फुलेश्वर महतो की भले ही बात नहीं हो पाई हो लेकिन दोनों अपने-अपने क्षेत्र में दूसरे किसानों के लिए आदर्श बन गए हैं. अपनी मेहनत के बल पर जिस तरह उन्होंने राष्ट्रीय पहचान बनाई वो काबिले तारीफ है. जरूरत है इनसे दूसरे किसानों को प्रेरणा लेने की ताकि फिर इस इलाके के किसानों की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हो सके.