हजारीबाग: जिले में एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद लोगों को विद्युत शवदाह गृह की याद आने लगी है. हजारीबाग खिरगांव स्थित मुक्तिधाम में विद्युत शवदाह गृह यहां की शोभा की वस्तु बनकर रह गई है.
विद्युत शव दाहगृह को शुरू करने की जरुरत
हजारीबाग में विद्युत शवदाह गृह जिस वक्त बनाया गया था. उस समय कोरोना वायरस के बारे में कोई जानता भी नहीं था, लेकिन आज के समय इस विद्युत शव दाहगृह का महत्व बढ़ गया है. अगर किसी व्यक्ति की मौत संक्रमण के कारण होती है तो उसका अंतिम संस्कार कैसे होगा, यह जिला प्रशासन के लिए भी चुनौती भरा है. ऐसे में अगर विद्युत शवदाह गृह काम करता तो अंतिम संस्कार के समय परेशानी भी नहीं होती, लेकिन 2017 में बना यह शव दाहगृह आज तक शुरू नहीं हो सका.
ये भी पढ़ें-रांची: BJP ने की सरायकेला नाबालिग हत्या मामले में SIT जांच की मांग, कहा- राज्य में लॉ एंड ऑर्डर चरमराई
बिजली विभाग ने भेजा आठ लाख का बिल
भूतनाथ मंडली के अध्यक्ष मनोज गुप्ता कहते हैं कि वर्तमान समय में इसकी उपयोगिता बढ़ गई है, लेकिन सरकार के उदासीनता और लूट-खसोट के कारण यह सुविधा लोगों को नहीं मिल पाया. आलम यह है कि आज तक इस शव दाह गृह में एक भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका. इसके बावजूद विद्युत विभाग ने आठ लाख का बिजली बिल भेज दिया है. उनका कहना है कि संक्रमित व्यक्ति के शव छूने या उठाकर चिता पर रखने के समय मदद करने वाला व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है. ऐसे में शव दाहगृह इस काम के लिए काफी मददगार हो सकता है.
अंतिम संस्कार करने की इजाजत नहीं
हजारीबाग नगर निगम का कहना है कि इस शवदाह गृह को तीन बार बनवाया, लेकिन इसके बाद भी यह काम नहीं कर रहा है. नगर आयुक्त को इसकी फाइल भी सौंपी गई है. कोशिश की जा रही है कि आने वाले दिनों में इसका उपयोग हो, ताकि कोरोना काल के दौरान इसका सही उपयोग हो सके. मुक्तिधाम प्रबंधन समिति का यह भी कहना है कि भविष्य में कोई व्यक्ति की मौत संक्रमण से होती है तो यहां पर अंतिम संस्कार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. क्योंकि यह एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है और बगल में मंदिर भी है, जिसके कारण हमेशा यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है.