हजारीबागः नेत्रहीन क्रिकेटर की बात की जाए तो झारखंड की नेत्रहीन क्रिकेटर सुजीत मुंडा का नाम सबके जेहन में स्वतः आता है. इन्होंने ब्लाइंड टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई थी. हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड की रहने वाली नेत्रहीन गीता महतो भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं. केरेडारी प्रखंड क्षेत्र की बेटी नेत्रहीन महिला क्रिकेटर भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी कर रही हैं.
भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम के कप्तानी कर रही हैं गीताः जिले के केरेडारी प्रखंड क्षेत्र के सलगा ग्राम निवासी दुखन महतो और चम्पा देवी की पुत्री गीता महतो हैं. गीता महतो का जन्म 20 जुलाई 2004 को हुआ था. उनके पिता दुखन महतो रांची में कैटरिंग का व्यवसाय करते हैं और माता गृहिणी हैं. गीता महतो की कप्तानी में भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में मुंबई में आयोजित पांच दिवसीय क्रिकेट के फाइनल में नेपाल को हरा कर भारत चैंपियन बना.
कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी हैं गीता के आदर्शः इस संबंध में समाजसेवी रंजन चौधरी बताते हैं कि गीता महतो किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. गीता ने शुरू से ही राजधानी रांची के संत माइकल ब्लाइंड स्कूल में अपनी पढ़ाई की है और यहीं से क्रिकेट खेलना शुरू किया. गीता इन दोनों दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से ग्रेजुएशन कर रही हैं. गीता बचपन से ही धुन की पक्की थीं. गीता कुछ कर गुजरने का सपना लेकर क्रिकेट के क्षेत्र में अपने प्रदर्शन में निखार लाती रहीं. गीता एक भाई और दो बहन हैं. गीता क्रिकेट के क्षेत्र में अपना आदर्श खिलाड़ी कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी को मानती हैं. उनके चयन में क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड इन झारखंड का महत्वपूर्ण योगदान है. गीता के निरंतर मेहनत और सही मार्गदर्शन के साथ परिवार का प्रोत्साहन ही उनकी अबतक की सफलता का राज है.
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