हजारीबागः सोमवार का दिन हजारीबाग जिला प्रशासन के लिए बेहद खास रहा. सोमवार को नक्सली अनिल भुईयां का आत्मसमर्पण हुआ है. हार्डकोर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी के सक्रिय नक्सली अनिल भुइयां ने हथियार के साथ आत्मसमर्पण (naxalite Anil Bhuiyan surrenders in Hazaribag) किया है.
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हजारीबाग पुलिस एवं सीआरपीएफ 22 बटालियन हजारीबाग के द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे सक्रिय प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी के विरुद्ध लगातार अभियान एवं छापेमारी की कार्रवाई के फलस्वरूप झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति (Surrender Policy of Jharkhand Government) से प्रभावित होकर अनिल भुइयां उर्फ रिखियासन उर्फ सरकार हजारीबाग उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक के सामने हथियार डाले.
अनिल भुइयां ने जिला प्रशासन के सामने पुलिस का लूटा हुआ हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण के बाद राज्य सरकार की नई आत्मसमर्पण नीति का उसे लाभ भी मिलेगा. सरेंडर करने के साथ ही उसे 50 हजार की राशि आत्मसमर्पण नीति के तहत दी गयी, शेष पैसा बाद में दिया जाएगा. नई आत्मसमर्पण नीति के तहत 3 लाख की राशि देने का प्रावधान है. इसके अलावा जमीन, बच्चों की शिक्षा समेत अन्य लाभ भी दिया जाता है. हजारीबाग जिला प्रशासन ने नक्सली समेत अन्य स्प्रिंटर ग्रुप के सदस्यों से अपील किया है कि वह आत्मसमर्पण करें एवं सरकार की नई आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं अन्यथा पुलिस के गोली का भी सामना करना पड़ सकता है.
अनिल भुइयां कौन है? अनिल भुइयां हजारीबाग, बोकारो, चतरा के सीमांत क्षेत्रों में सक्रिय माओवादी 2009 से टीपीसी सदस्य के रूप में सक्रिय था. वहीं बाद में उसने हजारीबाग में जेजेएमपी प्रतिबंधित संगठन का नींव रखी थी. 2019 से सीपीआई माओवादी संगठन में जुड़ गया. इसके ऊपर हजारीबाग जिला में कुल 16 नक्सल मामले दर्ज हैं. 2017 में हजारीबाग केरेडारी गांव के हेंदेगीर में अपने संगठन के सब जोनल कमांडर सागर गंझू समेत 7 अन्य सदस्यों को गोली मारकर हथियार लूट लिया था. इसके बाद उसने हजारीबाग में प्रतिबंधित जेजेएमपी संगठन की नींव रखी. अनिल भुइयां के बारे में बताया जाता है कि यह बेहद खूंखार नक्सलियों में एक था. जो दुर्योधन, कारू और मिथिलेश के दस्ते के साथ घूमता भी था. यही नहीं हजारीबाग जिला में माओवादियों को रास्ता दिखाने का काम करता था. मुख्य रूप से हजारीबाग में इसका काम लेवी वसुलना था.