हजारीबाग: कोरोना में जो ऑक्सीजन जीवन देने का काम करती है, उसी ऑक्सीजन की आज घोर किल्लत है. मुहमांगी कीमत और लाख मिन्नतें करने के बाद भी ऑक्सीजन सिलेंडर मिल जाए तो गनीमत. संकट की इस विषम परिस्थिति में झारखंड के हजारीबाग के रहने वाले मोहम्मद अकरम, जो पेशे से मैकेनिक हैं, वो निशुल्क मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं. अकरम के इस काम में जिला के कई दूसरे कार मैकेनिक भी ग्रुप बनाकर उनका साथ दे रहे हैं.
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कैसे मिली सेवा की प्रेरणा ?
मोहम्मद अकरम को संकट की इस घड़ी में मानव सेवा की प्रेरणा ऐसे ही नहीं मिली, उनके मुताबिक उन्होंने वार्ड 31 के वार्ड पार्षद मोहम्मद अख्तर की ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से मौत के बाद उनके परिवार को उजड़ते देखा है. जिसके बाद उन्होंने ये ठान लिया कि वो ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं होने देंगे, उनके पास इस समय 16 बड़ा सिलेंडर और 20 छोटा सिलेंडर है. जिसे रोटेट कर मरीजों को मुहैया कराया जा रहा है. अकरम के मुताबिक उनलोगों ने अब तक 7 सौ मरीजों की मदद की है.
मरीजों को कैसे मिलती है मदद ?
मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए कुछ नियम भी रखा गया है, जैसे जिसे ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी उसके नाम का डॉक्टर का पर्चा होना जरूरी होगा, इसके साथ ही एक फोटोग्राफ मरीज का ऑक्सीजन लगाते हुए व्हाट्सएप करना होगा, अकरम के मुताबिक ऐसा नियम सिलेंडर की हेराफेरी को रोकने के लिए बनाया गया है.
लोगों के प्रिय बनें मोहम्मद अकरम
मरीज के परिजनों की मानें तो आज के समय में मोहम्मद अकरम मसीहा से कम नहीं हैं, जो निशुल्क लोगों को ये सेवा प्रदान कर रहे है. मरीजों के मुताबिक उनके कारण ही उनके घर वालों की जान बच गई है. जाहिर है अकरम इस संकट काल में जो काम कर रहे हैं वो एक मिसाल हैं. जरूरत है उनके जैसे कई और लोगों के सामने आने की ताकी इस विपदा से सभी को बचाया जा सके.