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हजारीबाग: कई दिनों से बंद पड़ा HMCH का जेनेरिक मेडिसिन काउंटर, लोगों की बढ़ी परेशानियां - Tileshwar Mahato, Joint Secretary, Health Department

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल का जेनेरिक मेडिसिन काउंटर कई दिनों से बंद पड़ा है. जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. बाहरी दुकानें दवाई की दोगुनी कीमत वसूल कर रही हैं. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव तिलेश्वर महतो ने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टर और दवा दुकानदार के बीच तनाव होने के कारण समस्या हो रही है. लेकिन जल्द ही परेशानी का निदान किया जाएगा.

Medical College Hospital's generic medicine counter remain closed for many days
जेनेरिक मेडिसिन का काउंटर बंद
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Published : Feb 24, 2021, 3:13 PM IST

हजारीबाग: हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जहां एक ओर मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही, वहीं दूसरी ओर जेनेरिक मेडिसिन काउंटर बंद रहता है. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रो से मरीजों की संख्या काफी अधिक होती है.

देंखे पूरी खबर

ये भी पढ़ें- हजारीबाग: ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का 13वां राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस, 150 डॉक्टर होगें शामिल

बाहरी दुकान वसूलते हैं दोगुनी कीमत

सरकारी अस्पताल होने के कारण यहां गरीब तबके के लोग इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन जेनेरिक काउंटर बंद होने के कारण ऐसे मरीजों को अब बाहर के दवा दुकानों की ओर रुख करना पड़ रहा है. बाहर के दुकान में जाने से लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों की दवा लेने को मजबूर हैं. ऐसे में इन लोगों पर अधिक बोझ भी पड़ रहा है. मरीज के परिजनों का कहना है कि यहां दवा लोगों को सस्ते में मिल जाती है लेकिन बाहर में उसकी कीमत कई गुना अधिक वसूली जाती है. ऐसे में लोग काफी परेशान हैं. सरकार अगर जेनेरिक दवा की दुकान खुलवा दे तो लोगों को बहुत राहत मिलेगी.

ड्रग इंस्पेक्टर और दवा दुकानदार के बीच तनाव

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव तिलेश्वर महतो से जब इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टर और दवा दुकान के बीच कोई समस्या आ गई है. उस समस्या को दूर करने के बाद जेनेरिक मेडिसिन दुकान खोल दी जाएगी. मरीजों को राहत मिलेगी.

हजारीबाग: हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जहां एक ओर मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही, वहीं दूसरी ओर जेनेरिक मेडिसिन काउंटर बंद रहता है. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रो से मरीजों की संख्या काफी अधिक होती है.

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बाहरी दुकान वसूलते हैं दोगुनी कीमत

सरकारी अस्पताल होने के कारण यहां गरीब तबके के लोग इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन जेनेरिक काउंटर बंद होने के कारण ऐसे मरीजों को अब बाहर के दवा दुकानों की ओर रुख करना पड़ रहा है. बाहर के दुकान में जाने से लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों की दवा लेने को मजबूर हैं. ऐसे में इन लोगों पर अधिक बोझ भी पड़ रहा है. मरीज के परिजनों का कहना है कि यहां दवा लोगों को सस्ते में मिल जाती है लेकिन बाहर में उसकी कीमत कई गुना अधिक वसूली जाती है. ऐसे में लोग काफी परेशान हैं. सरकार अगर जेनेरिक दवा की दुकान खुलवा दे तो लोगों को बहुत राहत मिलेगी.

ड्रग इंस्पेक्टर और दवा दुकानदार के बीच तनाव

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव तिलेश्वर महतो से जब इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टर और दवा दुकान के बीच कोई समस्या आ गई है. उस समस्या को दूर करने के बाद जेनेरिक मेडिसिन दुकान खोल दी जाएगी. मरीजों को राहत मिलेगी.

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