हजारीबागः जिले में पिछले 127 साल से गोपाष्टमी उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. माता लक्ष्मी के पूजन के आठवें दिन गोपाष्टमी मेला का आयोजन होता है. हजारीबाग के सदर प्रखंड के सितागढ़ा गांव में कलकाता पिंजरापोल सोसाइटी द्वारा संचालित हजारीबाग गौशाला मेला का आयोजन किया गया है.
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वर्तमान समय में लगभग 300 से अधिक गाय गौशाला में रखी गई हैं. ये वह गायें हैं जिन्हें रेस्क्यू कर लाया जाता है. झारखंड में इनती हत्या पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद आए दिन मवेशियों की तस्करी की खबर सुर्खियों में रहती हैं. जब भी पुलिस को सूचना मिलती है तो कार्रवाई के बाद पुलिस पशुओं को इसी गौशाला में भेजती हैं. जहां इन्हें भोजन और स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है.
इस मेले में आम जनता के साथ गणमान्य लोगों यहां उपस्थित होकर गौ-माता को चारा-गुड़ खिलाते हैं. सोमवार को लोगों ने घंटों इस मेला का जमकर लुत्फ उठाया. मेले को लेकर पूरे गौशाला परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. जगह-जगह गौमाता के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है. कई प्रकार के धार्मिक और सामाजिक स्टालों इस दौरान लगाया गया. मेले में देश के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के रूप में ख्यातिप्राप्त सीमा सुरक्षा बल, मेरु कैंप के लोकप्रिय जॉर्ज बैंड और ब्रास बैंड ने देशभक्ति गीतों से लोगों का मंत्र मुग्ध कर दिया.
हजारीबाग गौशाला मेले का शुभारंभ गौशाला परिसर भगवान राधा-कृष्ण मंदिर में विशेष पूजा अर्चना किया गया. मेले के दौरान कई तरह की स्टॉल भी लगाए गए हैं. जहां लोगों ने जमकर स्वादिष्ट भोजनों का लुत्फ उठाया तो दूसरी ओर गाय को चारा देने के लिए इंतजाम किया गया. लोगों ने अपने हाथों से गायों को चारा खिलाया. गौशाला समिति के सचिव श्रद्धानंद सिंह ने बताया कि मेले में उमड़ा जनसैलाब यह स्पष्ट संदेश देता है कि लोगों ने गौ सेवा के प्रति चेतना जागृत हुई है. उन्होंने मेले के सफल आयोजन में योगदान निभाने वाले सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा की गौशाला कमेटी गौशाला परिसर में गौसेवा में व्यापक बदलाव लाने को कृतसंकल्पित है. हजारीबाग के सभी वर्ग, समुदाय के जनमानस के साथ मिलकर जल्द बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा.
हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने बताया कि गौशाला में संरक्षण और संवर्धन किए जा रहे गायों के हित में जो भी करना पड़ेगा करेंगे और गौसेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की जायेगी. उन्होंने गौशाला मेले के सफल और बेहतरीन आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी और कहा की गौशाला के विकास और आर्थिक सहायता में आने वाले वर्षों में उनका सहयोग रहेगा. उन्होंने यह भी जोर देते हुए कहा कि गौशाला का उद्देश्य दूध बेचना नहीं है बल्कि गायों को बचाना है. उन्होंने यह भी कहा कि यहां अधिकतर गए वैसी हैं जिसे पुलिस ने जब्त किया है. जिसे गौर तस्कर वधशाला में भेज रहे थे. इस कारण यह गौशाला तीर्थ स्थल से काम नहीं है क्योंकि गाय को माता का जगह दिया गया है.
हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय ने कहा कि गौसेवा सबसे पुनीत सेवा है और गौशाला समिति ईमानदारी पूर्वक निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि डीएमएफटी फंड से एक बड़ा गौशाला बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. जिला प्रशासन की ओर से गौशाला के विस्तार और इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए हरसंभव मदद करेंगे. हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे ने कहा कि तीसरा साल लगातार यहां पहुंच कर मेले में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ है. गौ भक्ति सबसे बड़ी भक्ति है और हम सभी को आने वाली पीढ़ी को जोड़कर इसे संवर्धन और संरक्षण करने की आवश्यकता है.
गौशाला के अध्यक्ष व सदर एसडीओ विद्याभूषण ने गौशाला पहुंचने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया और गौशाला पर इसी प्रकार का प्रेम और आशीर्वाद बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि गौशाला की जमीन का कैसे सकारात्मक रूप से अधिक से अधिक उपयोग किया जाए. इसे लेकर तैयारी करने की जरूरत है. इस गौशाला में वैसी गए रखी जाती हैं जिसे पुलिस गो तस्करी से मुक्त करती है इस कारण इनका सेवा करना भी जरूरी है.