हजारीबागः लोकनायक जयप्रकाश नारायण की आज 119वीं जयंती है. इस मौके पर हजारीबाग में जेपी प्रतिमा के समीप भव्य समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में उपस्थित पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये. यशवंत सिन्हा ने कहा कि जेपी के बताये रास्ते पर दो कदम भी चल लिए, तो उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में मूल्यों का स्थान हो, सिर्फ स्वार्थ का स्थान नहीं हो.
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पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि जेपी का योगदान देश निर्माण में रहा है. अगर उनके सिद्धांतों पर हम एक कदम भी चलेंगे तो देश की तस्वीर बदल सकती है. उन्होंने इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि केवल स्वार्थ की राजनीति नहीं होनी चाहिए. यशवंत सिन्हा की पत्नी और प्रसिद्ध लेखिका नीलिमा सिन्हा ने कहा कि वर्तमान समय में हमलोग जेपी के आदर्श को भूलते जा रहे हैं. उनके आदर्शों पर चलना शुरू कर दें, तो देश की तरक्की होने लगेगी. जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले गौतम सागर राणा ने कहा कि उनका सपना आज तक पूरा नहीं हुआ है. यह हमलोगों के लिए दुर्भाग्य की बात है.
जेपी का हजारीबाग से था गहरा संबंध
लोकनायक जयप्रकाश नारायण का हजारीबाग से गहरा संबंध रहा है. आजादी के दौरान जेपी को हजारीबाग केंद्रीय कारा में रखा गया था, जहां से जेपी ने 9 दिसंबर 1942 को 17 फीट ऊंची दीवार कूद कर अंग्रेजों को खुली चुनौती दी थी. यही कारण है कि हजारीबाग सेंट्रल जेल का नाम लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय करा रखा गया. आजादी के बाद भी जेपी कई बार हजारीबाग पहुंचे और देश की दिशा और दशा बदलने के लिए हुंकार भरी. आज जेपी के अनुयायियों ने केंद्रीय कारा पहुंचकर आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया और उनके बताए मार्ग पर चलने की बात कही.