हजारीबाग: जिले में इन दिनों मनरेगा को लेकर कई योजना चल रही है. ऐसे में मेरु पंचायत में जिला का पहला आदर्श डोभा बना रहा है. आदर्श कहने का अर्थ यह है कि एक डोभा से लाभुक और स्थानीय लोगों का आजीविका वर्धन किया जाएगा.
गांव में डोभा कोई नई बात नहीं है. पिछले साल भी कई डोभा बनाए गए, लेकिन हजारीबाग में इस बार मेरु पंचायत में आदर्श डोभा बनाया जा रहा है. यह आदर्श डोभा पूरे जिले का पहला डोभा है, जहां सिर्फ रोजगार ही नहीं दिया जा रहा है बल्कि आजीविका वर्धन कैसे की जाए इसकी जानकारी भी दी जा रही है.
डोभा बनने के बाद इसके ऊपर दो शेड तैयार किया जाएगा. जिसकी एक शेड में मुर्गी पालन किया जाएगा और दूसरे में बत्तख पालन और नीचे मछली पालन. डोभा का उपयोग कृषि कार्यों में भी किया जाएगा. ऐसे में एक डोभा बनाकर 5-5 कार्य किया जाना है. इस कारण इस डोभा को आजीविका वर्धन का नाम दिया जा रहा है, जहां लाभुक को कई फायदे होंगे.
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पदाधिकारी भी बताती है कि यह डोभा इंटीग्रेटेड फार्मिंग के स्कीम के तहत बनाया जा रहा है, जिसका लाभ लाभुकों को भविष्य में मिलेगा और उसकी जीवन शैली में भी वृद्धि होगी क्योंकि इस डोभा के जरिए उसे आर्थिक लाभ मिलेगा.
वहीं, लाभुक भी कहते हैं कि लोगों को जिला प्रशासन के इस स्कीम का दोहरा लाभ मिलने जा रहा है. हमारा जीवन स्तर तो बढ़ेगा ही बढ़ेगा और वर्तमान में जब रोजगार नहीं मिल रहा है तो इस स्कीम के तहत गांव के लोगों को काम भी मिल रहा है.