हजारीबागः फाइलेरिया दुनिया की दूसरी सबसे घातक बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को दिव्यांग बना रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 65 करोड़ भारतीयों पर फाइलेरिया का खतरा मंडरा रहा है. इस स्थिति में फाइलेरिया से बचाव को लेकर अभियान चलाकर दवा का वितरण किया जाएगा. जिले में 23 से 27 अगस्त तक कैंप लगाकर दवा वितरित की जाएगी.
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फाइलेरिया को स्थानीय भाषा में हाथी पांव बीमारी भी कहते हैं. अगर कोई व्यक्ति फाइलेरिया से ग्रसित हो जाए तो फिर उसका स्वस्थ्य होना मुश्किल हो जाता है. इस स्थिति में बचाव ही एकमात्र उपाय है. जिले में 23 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन शुरू किया जा रहा है जो 27 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान जिले के 18 लाख 60 हजार 761 लोगों को दवा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसको लेकर 2304 केंद्र पर दवा वितरण किया जाएगा.
मच्छर से फैलता है फाइलेरिया
डॉक्टरों का कहना है कि फाइलेरिया मच्छर से फैलता है. खासकर परजीवी क्यूलैक्स फैटीगंस मादा मच्छर के जरिए यह बीमारी फैलती है. उन्होंने बताया कि जब संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता है तो उसके शरीर का लारवा दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा देता है. इससे दूसरे व्यक्ति में भी फाइलेरिया के संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. किसी को फाइलेरिया होता है तो उसे शुरुआती दिनों में पता भी नहीं चलता है.
गांव-गांव भी पहुंचेगी टीम
जिला वैक्टर बोन डीजिज कंट्रोल पदाधिकारी सीबी प्रतापण ने बताया कि 23 से 25 अगस्त तक बूथ स्तर पर फाइलेरिया की दवा का वितरण किया जाएगा. इसके साथ ही 25 से 27 अगस्त तक गांव-गांव पहुंचकर छूटे हुए व्यक्ति को दवा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए डीईसी टेबलेट और एल्बेंडाजोल दिया जाता है. हालांकि, यह दवा गंभीर रोग से ग्रसित और गर्भवती महिलाओं नहीं सेवन करना चाहिए.