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हजारीबाग के लोग चख सकेंगे इंडोनेशिया के ड्रैगन फ्रूट का स्वाद, खेती के लिए किसानों की होगी ट्रेनिंग - हजारीबाग में किसानों की ट्रेनिंग

हजारीबाग के लोग भी अब इंडोनेशिया के ड्रैगन फ्रूट का स्वाद चख सकेंगे. इसके लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. हरित उद्यमी विकास परियोजना के तहत किसानों को ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम होगा.

Dragon fruit cultivation in Hazaribag
हजारीबाग में ड्रैगन फ्रूट की खेती
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Published : Oct 30, 2021, 1:27 PM IST

हजारीबाग: जिले के लोग अब इंडोनेशिया में होने वाले ड्रैगन फ्रूट का स्वाद चख पाएंगे. दरअसल, झारखंड में इन दिनों केजीवीके और एचडीएफसी बैंक के परिवर्तन कार्यक्रम में हरित उद्यमी विकास परियोजना के तहत किसानों को ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. इसमें 3 हजार चयनित कृषकों और युवाओं को ट्रेनिंग देकर हरित उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.

खेती को लेकर आए दिन नए प्रयोग समाज में किए जा रहे हैं ताकि किसान स्वावलंबी हो सके और वे उद्यमी का दर्जा प्राप्त कर पाएं. इसे देखते हुए आने वाले दिनों में केजीवीके और एचडीएफसी बैंक के परिवर्तन कार्यक्रम के तहत हरित उद्यमिता विकास परियोजना की शुरुआत होने जा रही है. जिसमें उच्च मूल्य वाले कृषि उत्पाद जैसे स्ट्रॉबेरी, कीवी, मशरूम, रसायन मुक्त सब्जी, मछली और इंडोनेशिया के ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा. उत्पाद को कैसे बाजार में बेचा जाए इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

देखें पूरी खबर

वर्तमान समय में संस्था के द्वारा हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव में कई युवक योजना का लाभ उठाकर खेती भी कर रहे हैं. अब नए सत्र में प्रशिक्षण की शुरुआत की जाएगी. ऐसे में जिस व्यक्ति के पास अपनी जमीन है और जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है, वह प्रशिक्षण का लाभ उठा सकते हैं. झारखंड के विभिन्न जिलों में लगभग 3 हजार चयनित किसान और युवाओं को हरित आधारित उद्यम में प्रशिक्षण देकर करीब 300 से 500 हरित उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान समय में खेती को उद्यम का स्तर देने की कोशिश की जा रही है. इसके अंतर्गत सरकार और कई स्वयंसेवी सहायता समूह कार्य भी कर रहे हैं. जरूरत है युवाओं को इससे जोड़कर लाभ लेने की.

हजारीबाग: जिले के लोग अब इंडोनेशिया में होने वाले ड्रैगन फ्रूट का स्वाद चख पाएंगे. दरअसल, झारखंड में इन दिनों केजीवीके और एचडीएफसी बैंक के परिवर्तन कार्यक्रम में हरित उद्यमी विकास परियोजना के तहत किसानों को ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. इसमें 3 हजार चयनित कृषकों और युवाओं को ट्रेनिंग देकर हरित उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.

खेती को लेकर आए दिन नए प्रयोग समाज में किए जा रहे हैं ताकि किसान स्वावलंबी हो सके और वे उद्यमी का दर्जा प्राप्त कर पाएं. इसे देखते हुए आने वाले दिनों में केजीवीके और एचडीएफसी बैंक के परिवर्तन कार्यक्रम के तहत हरित उद्यमिता विकास परियोजना की शुरुआत होने जा रही है. जिसमें उच्च मूल्य वाले कृषि उत्पाद जैसे स्ट्रॉबेरी, कीवी, मशरूम, रसायन मुक्त सब्जी, मछली और इंडोनेशिया के ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा. उत्पाद को कैसे बाजार में बेचा जाए इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

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वर्तमान समय में संस्था के द्वारा हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव में कई युवक योजना का लाभ उठाकर खेती भी कर रहे हैं. अब नए सत्र में प्रशिक्षण की शुरुआत की जाएगी. ऐसे में जिस व्यक्ति के पास अपनी जमीन है और जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है, वह प्रशिक्षण का लाभ उठा सकते हैं. झारखंड के विभिन्न जिलों में लगभग 3 हजार चयनित किसान और युवाओं को हरित आधारित उद्यम में प्रशिक्षण देकर करीब 300 से 500 हरित उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान समय में खेती को उद्यम का स्तर देने की कोशिश की जा रही है. इसके अंतर्गत सरकार और कई स्वयंसेवी सहायता समूह कार्य भी कर रहे हैं. जरूरत है युवाओं को इससे जोड़कर लाभ लेने की.

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