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हजारीबाग के किसानों ने पहली बार शुरू की केले की खेती, सब्जी फसल में नुकसान को देखते हुए लिया फैसला

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Published : Oct 13, 2020, 2:40 AM IST

हजारीबाग में टमाटर और धनिया पत्ता की खेती अधिक होती है. यहां का धनिया पत्ता विदेशों तक जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे किसान सब्जी की खेती से फल बागवानी की ओर रुख करने लगे हैं. हजारीबाग के दारू प्रखंड के पेटो गांव का रहने वाला अजय का कहना है कि सब्जी की फसल अक्सर बर्बाद हो जाती है. इसे देखते हुए केले की खेती करने का मन बनाया है. उन्हें देखते हुए अन्य किसानों ने भी फल बागवानी करने का मन बना लिया है.

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केले की खेती

हजारीबाग: जिले को कृषि प्रधान क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहां सालों भर खेती होती है. हजारीबाग में उपजा सब्जी देश के कोने-कोने तक पहुंचता है, लेकिन अब किसान का ट्रेंड चेंज होने लगा है. किसान सब्जी के जगह अब फल बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं, ताकि वह आर्थिक रूप से संपन्न हो सके.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग का टमाटर और धनिया पत्ता की खेती अधिक होती है. यहां का धनिया पत्ता विदेशों तक जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे किसान सब्जी की खेती से फल बागवानी की ओर रूख कर रहे हैं. हजारीबाग के दारू प्रखंड के पेटो गांव का रहने वाला अजय अब फल बागवानी करने लगे हैं. जिले में यह पहली बार हुआ है कि कोई किसान केले की खेती कर रहा है. अजय का कहाना है कि हमारे जिले में टमाटर की खेती काफी होती है, उसके अलावा भी अन्य फसल होता है. यह फसल चुनौती भरा होता है, अगर मौसम खराब रहा तो फसल बर्बाद हो जाता है, लेकिन केले की खेती एक ऐसा जरिया है, जिससे हम अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं और इसमें नुकसान का डर भी कम होता है. इसकी मांग भी काफी है. इसे देखते हुए फल बागवानी करने का फैसला लिया है.

इसे भी पढे़ं:- हजारीबाग में मनाया गया विश्व डाक दिवस, आयोजित हुए विविध कार्यक्रम

अजय संगीत शिक्षक हैं. स्कूल कॉलेज बंद होने के कारण वह बेरोजगार हो गए. उन्होंने संचार के विभिन्न माध्यम से यह तलाश किया है कि केले की खेती से अधिक मुनाफा हो सकता है. ऐसे में अब उनके गांव के अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा लेकर फल बागवानी का फैसला लिया है.

हजारीबाग: जिले को कृषि प्रधान क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहां सालों भर खेती होती है. हजारीबाग में उपजा सब्जी देश के कोने-कोने तक पहुंचता है, लेकिन अब किसान का ट्रेंड चेंज होने लगा है. किसान सब्जी के जगह अब फल बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं, ताकि वह आर्थिक रूप से संपन्न हो सके.

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हजारीबाग का टमाटर और धनिया पत्ता की खेती अधिक होती है. यहां का धनिया पत्ता विदेशों तक जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे किसान सब्जी की खेती से फल बागवानी की ओर रूख कर रहे हैं. हजारीबाग के दारू प्रखंड के पेटो गांव का रहने वाला अजय अब फल बागवानी करने लगे हैं. जिले में यह पहली बार हुआ है कि कोई किसान केले की खेती कर रहा है. अजय का कहाना है कि हमारे जिले में टमाटर की खेती काफी होती है, उसके अलावा भी अन्य फसल होता है. यह फसल चुनौती भरा होता है, अगर मौसम खराब रहा तो फसल बर्बाद हो जाता है, लेकिन केले की खेती एक ऐसा जरिया है, जिससे हम अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं और इसमें नुकसान का डर भी कम होता है. इसकी मांग भी काफी है. इसे देखते हुए फल बागवानी करने का फैसला लिया है.

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अजय संगीत शिक्षक हैं. स्कूल कॉलेज बंद होने के कारण वह बेरोजगार हो गए. उन्होंने संचार के विभिन्न माध्यम से यह तलाश किया है कि केले की खेती से अधिक मुनाफा हो सकता है. ऐसे में अब उनके गांव के अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा लेकर फल बागवानी का फैसला लिया है.

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