हजारीबाग: जिले को कृषि प्रधान क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहां सालों भर खेती होती है. हजारीबाग में उपजा सब्जी देश के कोने-कोने तक पहुंचता है, लेकिन अब किसान का ट्रेंड चेंज होने लगा है. किसान सब्जी के जगह अब फल बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं, ताकि वह आर्थिक रूप से संपन्न हो सके.
हजारीबाग का टमाटर और धनिया पत्ता की खेती अधिक होती है. यहां का धनिया पत्ता विदेशों तक जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे किसान सब्जी की खेती से फल बागवानी की ओर रूख कर रहे हैं. हजारीबाग के दारू प्रखंड के पेटो गांव का रहने वाला अजय अब फल बागवानी करने लगे हैं. जिले में यह पहली बार हुआ है कि कोई किसान केले की खेती कर रहा है. अजय का कहाना है कि हमारे जिले में टमाटर की खेती काफी होती है, उसके अलावा भी अन्य फसल होता है. यह फसल चुनौती भरा होता है, अगर मौसम खराब रहा तो फसल बर्बाद हो जाता है, लेकिन केले की खेती एक ऐसा जरिया है, जिससे हम अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं और इसमें नुकसान का डर भी कम होता है. इसकी मांग भी काफी है. इसे देखते हुए फल बागवानी करने का फैसला लिया है.
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अजय संगीत शिक्षक हैं. स्कूल कॉलेज बंद होने के कारण वह बेरोजगार हो गए. उन्होंने संचार के विभिन्न माध्यम से यह तलाश किया है कि केले की खेती से अधिक मुनाफा हो सकता है. ऐसे में अब उनके गांव के अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा लेकर फल बागवानी का फैसला लिया है.