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ओडिशा से हजारीबाग पहुंचा किसानों का जत्था, 21 जनवरी को पहुंचेंगे दिल्ली

किसान कृषि कानून का चौतरफा विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में ओडिशा से चलकर किसानों का जत्था हजारीबाग पहुंचा. किसान आंदोलन को जोर देने के लिए ओडिशा से लगभग 600 किसानों का जत्था निकला है, जो 21 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगा.

Batch of 600 farmers
600 किसानों का जत्था
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Published : Jan 17, 2021, 7:13 PM IST

हजारीबाग: किसान आंदोलन को लेकर इन दिनों राजनीति का पारा चढ़ता जा रहा है, आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर जारी है. ऐसे में दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलन को और भी अधिक बल देने के लिए ओडिशा से लगभग 600 किसानों का जत्था निकला है, जो 21 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगा. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून 2020 के विरोध में लगभग 60 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलनरत है.

देखें पूरी खबर

ऐसे में अब ओडिशा से अक्षय कुमार और हिमांशु तिवारी के नेतृत्व में 600 किसानों का जत्था सड़क मार्ग से होते हुए दिल्ली 21 जनवरी को पहुंचेगा. हजारीबाग में इस जत्था का जोरदार स्वागत किया गया. किसानों का जत्था 15 जनवरी को ओडिशा के खड़कपुर से रांची होते हुए हजारीबाग पहुंचा, जो पटना बनारस होते हुए दिल्ली पहुंचेगा. किसान जत्था की अगुवाई करने वाले अक्षय कुमार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार किसान के हित में नहीं है.

केंद्र सरकार पर साधा निशाना

अक्षय कुमार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ये पूंजीपतियों की सरकार है, यह सरकार किसान के हित में नहीं है. अगर केंद्र सरकार यह कानून वापस नहीं लेगी तो आंदोलन काफी दूर तक जाएगा. उन्होंने हजारीबाग में सरकार को चेतावनी भी दिया है कि यह आंदोलन किसान और सरकार के बीच में नहीं है, बल्कि लोकतंत्र और तानाशाह के बीच में हो रही है. ऐसे में केंद्र सरकार जल्द से जल्द यह कानून वापस ले ताकि यह आंदोलन समाप्त हो. उन्होंने यह भी कहा कि 26 जनवरी को देश में पहली बार किसान परेड करेगा और इसकी तैयारी हम लोगों ने कर ली है.

उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड में हम लोगों को समर्थन मिल रहा है. जमशेदपुर से भी 22 जनवरी को किसान का जत्था निकलने वाला है. रांची में भी विभिन्न संगठन ने हमें अपना समर्थन दिया है. ऐसे में कहा जाए तो पूरा झारखंड से हम लोगों को व्यापक रूप से विभिन्न संगठन की ओर से समर्थन मिला है, जो हमारी एकता को दर्शाता है.

किसान संगठनों के समर्थन में सीपीआई
किसान संगठनों का समर्थन करने पहुंचे सीपीआई के राज्य सचिव ने कहा कि अभी आंदोलन सिर्फ पंजाब और हरियाणा तक सीमित नहीं रहा गया है. अब यह देशभर के किसानों का आंदोलन है. सरकार किसान और मजदूर विरोधी है, जो सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों के साथ खड़ी है. ऐसे में हम लोग तब तक आंदोलन करेंगे जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती है.

ये भी पढ़ें- देवघर में अनियंत्रित ट्रक ने ई-रिक्शा को रौंदा, गुस्साए लोगों ने हाईवे पर लगाया जाम

रामगढ़ में भी किसान आंदोलन को मिला समर्थन

रामगढ़ में स्थित सुभाष चौक पर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ओडिशा के भुवनेश्वर से चलकर दिल्ली जाने वाले हजार व्यक्तियों के विशाल जत्था का स्वागत अखिल भरतीय संघर्ष समन्वय समिति ने किया और जत्था की ओर से सुभाष चंद्र बोष को माल्यार्पण कर किसान विरोधी तीनों काला कानून वापस लेने की मांग को दोहराया.

हजारीबाग: किसान आंदोलन को लेकर इन दिनों राजनीति का पारा चढ़ता जा रहा है, आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर जारी है. ऐसे में दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलन को और भी अधिक बल देने के लिए ओडिशा से लगभग 600 किसानों का जत्था निकला है, जो 21 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगा. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून 2020 के विरोध में लगभग 60 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलनरत है.

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ऐसे में अब ओडिशा से अक्षय कुमार और हिमांशु तिवारी के नेतृत्व में 600 किसानों का जत्था सड़क मार्ग से होते हुए दिल्ली 21 जनवरी को पहुंचेगा. हजारीबाग में इस जत्था का जोरदार स्वागत किया गया. किसानों का जत्था 15 जनवरी को ओडिशा के खड़कपुर से रांची होते हुए हजारीबाग पहुंचा, जो पटना बनारस होते हुए दिल्ली पहुंचेगा. किसान जत्था की अगुवाई करने वाले अक्षय कुमार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार किसान के हित में नहीं है.

केंद्र सरकार पर साधा निशाना

अक्षय कुमार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ये पूंजीपतियों की सरकार है, यह सरकार किसान के हित में नहीं है. अगर केंद्र सरकार यह कानून वापस नहीं लेगी तो आंदोलन काफी दूर तक जाएगा. उन्होंने हजारीबाग में सरकार को चेतावनी भी दिया है कि यह आंदोलन किसान और सरकार के बीच में नहीं है, बल्कि लोकतंत्र और तानाशाह के बीच में हो रही है. ऐसे में केंद्र सरकार जल्द से जल्द यह कानून वापस ले ताकि यह आंदोलन समाप्त हो. उन्होंने यह भी कहा कि 26 जनवरी को देश में पहली बार किसान परेड करेगा और इसकी तैयारी हम लोगों ने कर ली है.

उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड में हम लोगों को समर्थन मिल रहा है. जमशेदपुर से भी 22 जनवरी को किसान का जत्था निकलने वाला है. रांची में भी विभिन्न संगठन ने हमें अपना समर्थन दिया है. ऐसे में कहा जाए तो पूरा झारखंड से हम लोगों को व्यापक रूप से विभिन्न संगठन की ओर से समर्थन मिला है, जो हमारी एकता को दर्शाता है.

किसान संगठनों के समर्थन में सीपीआई
किसान संगठनों का समर्थन करने पहुंचे सीपीआई के राज्य सचिव ने कहा कि अभी आंदोलन सिर्फ पंजाब और हरियाणा तक सीमित नहीं रहा गया है. अब यह देशभर के किसानों का आंदोलन है. सरकार किसान और मजदूर विरोधी है, जो सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों के साथ खड़ी है. ऐसे में हम लोग तब तक आंदोलन करेंगे जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती है.

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रामगढ़ में भी किसान आंदोलन को मिला समर्थन

रामगढ़ में स्थित सुभाष चौक पर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ओडिशा के भुवनेश्वर से चलकर दिल्ली जाने वाले हजार व्यक्तियों के विशाल जत्था का स्वागत अखिल भरतीय संघर्ष समन्वय समिति ने किया और जत्था की ओर से सुभाष चंद्र बोष को माल्यार्पण कर किसान विरोधी तीनों काला कानून वापस लेने की मांग को दोहराया.

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