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साल भर बाद भी पुलिस नहीं सुलझा सकी गुत्थी, एक परिवार की 3 पीढ़ी की हुई थी मौत - ईटीवी भारत

हजारीबाग के बहुचर्चित महेश्वरी परिवार के 6 लोगों की संदेहास्पद मौत मामले का खुलासा पुलिस1 साल बाद भी नहीं कर पाई है. इस हाईप्रोफाइल मामले कई तरह की बातें सामने आयीं. लेकिन पुलिस अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है.

6 लोगों की संदेहास्पद मौत
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Published : Jul 15, 2019, 7:20 PM IST

हजारीबाग: जिले के प्रतिष्ठित महेश्वरी परिवार के 6 लोगों की मौत का रहस्य साल भर बाद भी सुलझ नहीं पाया है. इस बहुचर्चित मामले में पुलिस अभी तक अंधेरे में तीर ही चला रही है. उसके हाथ अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं लगे हैं.

कैबिनेट की बैठक में उठेगा मामला


मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि वह 16 जुलाई के कैबिनेट की बैठक में इस मामले को उठाएंगे. वो सरकार को बताएंगे कि 1 साल बीतने के बाद भी महेश्वरी हत्याकांड का पुलिस उद्भेदन नहीं कर पायी है. वहीं दूसरी ओर हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल का कहना है कि पुलिस मामले की तह तक पहुंच चुकी है. कुछ अनसुलझी गुत्थी है, उन्हें भी सुलझा कर मामले का पटाक्षेप हो जाएगा और मुजरिम को सलाखों के पीछे भेजेगी.


क्या है मामला


पुलिस ने महावीर महेश्वरी 70 वर्ष, उनकी पत्नी किरण महेश्वरी 65 वर्ष, बेटा नरेश अग्रवाल 40 वर्ष, बहू प्रीति अग्रवाल 37 वर्ष, पोता यमन 11 वर्ष, पोती जानवी 6 वर्ष का शव उनके ही फ्लैट से पाया था. महावीर अग्रवाल और उसकी पत्नी किरण की बॉडी फंदे पर, बहू प्रीति पलंग पर, पोती जानवी की लाश सोफे पर मिली थी, वहीं अमन का गला कटा हुआ था. नरेश अग्रवाल का शव अपार्टमेंट के नीचे मिला था.
सुसाइड नोट में लिखा था सुसाइड करने का फार्मूला
शव मिलने के बाद तरह-तरह की बातें सामने आ रही थी कि परिवार कर्ज में डूबा हुआ था. तो कुछ लोगों ने कहा कि मानसिक तनाव में पूरा परिवार गुजर रहा था. इस कारण घटना को अंजाम दिया. पुलिस को मिले सुसाइड नोट में सुसाइड करने का फार्मूला लिखा गया था. जो इस प्रकार था,

देखें पूरी खबर
बीमारी +दुकान बंद +दुकानदारों का बकाया न देना+ बदनामी+ कर्ज =तनाव= मौत


CFSL कर रही है मामले की जांच


इस मामले में पुलिस ने मौत का कारण जहर बताया गया है. CFSL रांची की जांच टीम ने यह पाया है कि जहर देकर मारा गया है. लेकिन पुलिस जानना चाहती है कि जिस कमरे में शव बरामद किया गया है, उसमें किसी ने प्रवेश किया है या नहीं. अगर प्रवेश किया है तो उसका फिंगरप्रिंट्स है कि नहीं. साथ ही साथ पुलिस डीएनए टेस्ट का भी इंतजार कर रही है. जो सुसाइड नोट मिले हैं वह किसका लिखा हुआ है इन सारी बातों को लेकर अभी अनुसंधान जारी है, जिसका जवाब CFSL (केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान) देगी.

हजारीबाग: जिले के प्रतिष्ठित महेश्वरी परिवार के 6 लोगों की मौत का रहस्य साल भर बाद भी सुलझ नहीं पाया है. इस बहुचर्चित मामले में पुलिस अभी तक अंधेरे में तीर ही चला रही है. उसके हाथ अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं लगे हैं.

कैबिनेट की बैठक में उठेगा मामला


मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि वह 16 जुलाई के कैबिनेट की बैठक में इस मामले को उठाएंगे. वो सरकार को बताएंगे कि 1 साल बीतने के बाद भी महेश्वरी हत्याकांड का पुलिस उद्भेदन नहीं कर पायी है. वहीं दूसरी ओर हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल का कहना है कि पुलिस मामले की तह तक पहुंच चुकी है. कुछ अनसुलझी गुत्थी है, उन्हें भी सुलझा कर मामले का पटाक्षेप हो जाएगा और मुजरिम को सलाखों के पीछे भेजेगी.


क्या है मामला


पुलिस ने महावीर महेश्वरी 70 वर्ष, उनकी पत्नी किरण महेश्वरी 65 वर्ष, बेटा नरेश अग्रवाल 40 वर्ष, बहू प्रीति अग्रवाल 37 वर्ष, पोता यमन 11 वर्ष, पोती जानवी 6 वर्ष का शव उनके ही फ्लैट से पाया था. महावीर अग्रवाल और उसकी पत्नी किरण की बॉडी फंदे पर, बहू प्रीति पलंग पर, पोती जानवी की लाश सोफे पर मिली थी, वहीं अमन का गला कटा हुआ था. नरेश अग्रवाल का शव अपार्टमेंट के नीचे मिला था.
सुसाइड नोट में लिखा था सुसाइड करने का फार्मूला
शव मिलने के बाद तरह-तरह की बातें सामने आ रही थी कि परिवार कर्ज में डूबा हुआ था. तो कुछ लोगों ने कहा कि मानसिक तनाव में पूरा परिवार गुजर रहा था. इस कारण घटना को अंजाम दिया. पुलिस को मिले सुसाइड नोट में सुसाइड करने का फार्मूला लिखा गया था. जो इस प्रकार था,

देखें पूरी खबर
बीमारी +दुकान बंद +दुकानदारों का बकाया न देना+ बदनामी+ कर्ज =तनाव= मौत


CFSL कर रही है मामले की जांच


इस मामले में पुलिस ने मौत का कारण जहर बताया गया है. CFSL रांची की जांच टीम ने यह पाया है कि जहर देकर मारा गया है. लेकिन पुलिस जानना चाहती है कि जिस कमरे में शव बरामद किया गया है, उसमें किसी ने प्रवेश किया है या नहीं. अगर प्रवेश किया है तो उसका फिंगरप्रिंट्स है कि नहीं. साथ ही साथ पुलिस डीएनए टेस्ट का भी इंतजार कर रही है. जो सुसाइड नोट मिले हैं वह किसका लिखा हुआ है इन सारी बातों को लेकर अभी अनुसंधान जारी है, जिसका जवाब CFSL (केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान) देगी.

Intro:note... महेश्वरी परिवार का फाइल फुटेज एफटीपी से भेजा जा चुका है इस आईडी से.....।

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झारखंड का बहुचर्चित एक ही परिवार के 6 लोगों की संदेहास्पद स्थिति में मौत का पर्दा पुलिस प्रशासन 1 साल के बाद भी उठा नहीं पाई है ।महेश्वरी परिवार के तीन पीढ़ी के 6 लोगों का संदिग्ध शव पुलिस ने 15 जून 2018 को उनके ही फ्लैट मैं पाया था ।इसे लेकर कई दिनों तक हजारीबाग में आंदोलन भी किया गया कि जल्द से जल्द गुनाहगारों को पकड़ा जाए। मामला रांची तक पहुंचा लेकिन इस मामले को लेकर आज तक प्रशासन के द्वारा कोई भी खुलासा नहीं किया गया और हर वक्त जांच की बात कही गई। आज 15 जुलाई को एक बार फिर हजारीबाग के लोगों के दिलों में वह दिन कि याद ताजा हो गई है।

1 साल बाद झारखंड सरकार के मंत्री और हजारीबाग के प्रभारी मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि वह 16 जुलाई के कैबिनेट की बैठक में मामला को उठाएंगे और सरकार को बताएंगे कि 1 साल में महेश्वरी हत्याकांड के मामला का पुलिस ने उद्भेदन नहीं किया है। तो दूसरी ओर हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल का कहना है कि पुलिस मामले की तह तक पहुंच चुकी है और कुछ अनसुलझी गुत्थी है उन्हें भी सुलझा कर मामले का पटाक्षेप करेगी और मुजरिम है उन्हें सलाखों के पीछे भेजेगी।


Body:14 जून 2018 की रात हजारीबाग के लिए बुरे दिन के रूप में सालों साल तक जाना जाएगा। इसी दिन महेश्वरी परिवार के 6 लोगों की संदिग्ध शव पुलिस ने बरामद किया था।

पुलिस ने महावीर महेश्वरी 70 वर्ष ,उनकी पत्नी किरण महेश्वरी 65 वर्ष, एकलौता बेटा नरेश अग्रवाल 40 वर्ष ,बहू प्रीति अग्रवाल 37 वर्ष, पोता यमन 11 वर्ष ,पोती यान्वी 6 वर्ष का शव उनके ही फ्लैट से पाया था।

महावीर अग्रवाल और उसकी पत्नी किरण की बॉडी फंदे पर, बहू प्रीति पलंग पर ,पोती जानवी की बॉडी सोफा पर मिली थी, वही अमन का गला कटा हुआ था। नरेश अग्रवाल का शव अपार्टमेंट के नीचे मिली थी।

संदिग्ध अवस्था में शव मिलने के बाद तरह-तरह की बातें सामने आ रही थी कि परिवार कर्ज में काफी डूबा हुआ था। तो कुछ लोगों ने कहा कि मानसिक तनाव में पूरा परिवार गुजर रहा था इस कारण उन्हें घटना को अंजाम दिया ।लेकिन उस पूरे मामले में पुलिस को सुसाइड नोट मिला था ।जिस पर सुसाइड करने का फार्मूला लिखा गया था ।इसमें लिखा हुआ था कि अमन को लटका नहीं सकते थे इसलिए हत्या की गई ।आगे खुद खुशी करने का गणित को सूत्र के तौर पर समझाया गया था।

बीमारी +दुकान बंद +दुकानदारों का बकाया न देना+ बदनामी+ कर्ज =तनाव= मौत

इस पूरे मामले को पुलिस काफी गंभीरता के साथ जांच करने का दावा किया था। कई बार एफएसएल किरा की टीम भी हजारीबाग आई थी। और कई नमूने अपने साथ ले गई ।लेकिन आज 1 साल बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी भी सीएफएसएल जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान के पास मामला अभी भी लंबित है । हजारीबाग से पुलिस की टीम दो बार की कोलकाता संस्थान भी गई।लेकिन उन्हें यही कहा गया कि काम का अतिरिक्त बोझ है इस कारण अभी जांच पूरी नहीं हुई है। 30 नवंबर 2018 को भी एक ईमेल के जरिए हजारीबाग पुलिस को यह बताया गया कि अनुसंधान केंद्र में जांच अभी पूरी नहीं हुई है। क्योंकि जांच को लेकर काफी बोझ है।

केस संख्या 346/18 महेश्वरी हत्याकांड के सारे सवालों का जवाब इंतजार कर रही है। हजारीबाग पुलिस ने केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान को 13 बिंदु जांच के लिए दिए हैं ।जिसमें फोन कॉल डीटेल्स से लेकर, फिंगरप्रिंट्स ,डीएनए टेस्ट समेत कई बातों का उल्लेख किया गया है।


इस मामले को लेकर अब तक तीन बार जांच अधिकारी भी बदले गए हैं। जिसमें एक जांच अधिकारी की असामयिक मौत भी हो चुकी है। पहला जांच तत्कालिन सदर थाना प्रभारी अवधेश सिंह शुरू किया। उनके बाद यह मामला मिश्रा जी को दिया गया और मिश्रा जी से जांच 12 नवंबर 2018 को वर्तमान थाना प्रभारी सदर नीरज सिंह को दिया गया।अब नीरज सिंह अब मामले की पड़ताल कर रहे हैं।

इस मामले को लेकर अभी पुलिस के पास मौत का कारण जहर बताया गया है। FSL रांची की जांच टीम ने यह पाया है कि जहर देकर मारा गया है। लेकिन अब पुलिस जानना चाहती है कि जिस कमरे में शव बरामद किया गया है उसमें किसी ने प्रवेश किया है या नहीं ।अगर प्रवेश किया है तो इसका फिंगरप्रिंट्स है ।साथ ही साथ पुलिस डीएनए टेस्ट का भी इंतजार कर रही है ।अहम बात यह कि जो सुसाइड नोट मिले हैं वह किसका लिखा हुआ है यह था सारी बातों को लेकर अभी अनुसंधान जारी है। इन सारे सवालों का जवाब CFSL (केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान) देगी।

घटना के 1 साल बीत जाने के बाद अब परिवार के लोग किसी भी तरह के बयान नहीं देना चाहते हैं ।उन्होंने कैमरे के पीछे अपना दुख जाहिर का किया और कहा कि अब प्रशासन के जांच पर उम्मीद टिकी है और जब जांच पूरी होगी तो ही कुछ कहा जा सकता है ।

मारवाड़ी एवं अग्रवाल समाज के सेक्रेटरी नीरज अग्रवाल ने कहा कि 1 साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरा नहीं हुआ ।इसका दुख है और हमारे समाज के लिए आज का दिन काली रात के बराबर है। हमें प्रशासन से उम्मीद है कि जांच सच्चाई के साथ पूरी की जाएगी ताकि गुनहगार को सजा मिल सके।

byte.... नीरज अग्रवाल सेक्रेटरी अग्रवाल मारवाड़ी समाज

byte.... रामचंद्र चंद्रवंशी मंत्री झारखंड सरकार

byte.... मनीष जयसवाल विधायक हजारीबाग


Conclusion:लेकिन जिस तरह से 1 साल बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली है यह कई सवाल खड़ा करता है। फिर भी समाज को केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान के रिपोर्ट आने का इंतजार है।
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