हजारीबाग: जिले के प्रतिष्ठित महेश्वरी परिवार के 6 लोगों की मौत का रहस्य साल भर बाद भी सुलझ नहीं पाया है. इस बहुचर्चित मामले में पुलिस अभी तक अंधेरे में तीर ही चला रही है. उसके हाथ अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं लगे हैं.
कैबिनेट की बैठक में उठेगा मामला
मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि वह 16 जुलाई के कैबिनेट की बैठक में इस मामले को उठाएंगे. वो सरकार को बताएंगे कि 1 साल बीतने के बाद भी महेश्वरी हत्याकांड का पुलिस उद्भेदन नहीं कर पायी है. वहीं दूसरी ओर हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल का कहना है कि पुलिस मामले की तह तक पहुंच चुकी है. कुछ अनसुलझी गुत्थी है, उन्हें भी सुलझा कर मामले का पटाक्षेप हो जाएगा और मुजरिम को सलाखों के पीछे भेजेगी.
क्या है मामला
पुलिस ने महावीर महेश्वरी 70 वर्ष, उनकी पत्नी किरण महेश्वरी 65 वर्ष, बेटा नरेश अग्रवाल 40 वर्ष, बहू प्रीति अग्रवाल 37 वर्ष, पोता यमन 11 वर्ष, पोती जानवी 6 वर्ष का शव उनके ही फ्लैट से पाया था. महावीर अग्रवाल और उसकी पत्नी किरण की बॉडी फंदे पर, बहू प्रीति पलंग पर, पोती जानवी की लाश सोफे पर मिली थी, वहीं अमन का गला कटा हुआ था. नरेश अग्रवाल का शव अपार्टमेंट के नीचे मिला था.
सुसाइड नोट में लिखा था सुसाइड करने का फार्मूला
शव मिलने के बाद तरह-तरह की बातें सामने आ रही थी कि परिवार कर्ज में डूबा हुआ था. तो कुछ लोगों ने कहा कि मानसिक तनाव में पूरा परिवार गुजर रहा था. इस कारण घटना को अंजाम दिया. पुलिस को मिले सुसाइड नोट में सुसाइड करने का फार्मूला लिखा गया था. जो इस प्रकार था,
CFSL कर रही है मामले की जांच
इस मामले में पुलिस ने मौत का कारण जहर बताया गया है. CFSL रांची की जांच टीम ने यह पाया है कि जहर देकर मारा गया है. लेकिन पुलिस जानना चाहती है कि जिस कमरे में शव बरामद किया गया है, उसमें किसी ने प्रवेश किया है या नहीं. अगर प्रवेश किया है तो उसका फिंगरप्रिंट्स है कि नहीं. साथ ही साथ पुलिस डीएनए टेस्ट का भी इंतजार कर रही है. जो सुसाइड नोट मिले हैं वह किसका लिखा हुआ है इन सारी बातों को लेकर अभी अनुसंधान जारी है, जिसका जवाब CFSL (केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान) देगी.