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हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बंद हो सकती है जांच सुविधा, डायग्नोसिस सेंटर का 70 लाख बकाया

हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जांच की सुविधा कभी बंद हो सकती है. वजह वहां संचालित जांच केंद्र को बकाये राशि का भुगतान नहीं होना है. हालांकि इसे लेकर पहल की जा रही है, जल्द ही प्रशासन की तरफ से सारी राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. जिससे कि मरीजों को कोई परेशानी ना हो.

facilities of testing may be closed
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Published : Apr 3, 2022, 9:53 AM IST

Updated : Apr 3, 2022, 10:03 AM IST

हजारीबागः शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कभी भी स्वास्थ्य जांच सुविधा बंद हो सकती है. सदर अस्पताल कैंपस में हेल्थ मैप डायग्नोसिस सेंटर का लाखों रुपए बकाया होने के कारण सारी सुविधाएं कंपनी के द्वारा रोकी जा सकती है. जिस कारण गरीब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और उन्हें जांच कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख करना पड़ सकता है.
ये भी पढ़ेंः हजारीबाग मेडिकल कॉलेजः पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था जिस अस्पताल का शिलान्यास, तीन साल में नींव भी नहीं हो सकी तैयार

हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ हजारीबाग ही नहीं बल्कि चतरा, कोडरमा, गिरिडीह और बोकारो के कुछ क्षेत्रों के मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. सदर अस्पताल कैंपस में हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक सेंटर खुल जाने से मरीजों को बेहद लाभ मिल रहा है. सेंटर के द्वारा बीपीएल परिवारों और 72000 से कम आय वाले मरीजों को फ्री में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, माथा, छाती और पेट का सीटी स्कैन होता है. वहीं इस सेंटर में सामान्य कोटि के मरीज के भी टेस्ट बाजार से कम मूल्य पर होता है.

डायग्नोसिस सेंटर का लगभग 70 लाख रुपया बकाया है. जिस कारण अब कंपनी यह सेवा अधिक दिनों तक नहीं दे पाएगी. खास करके जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं का फ्री में अल्ट्रासाउंड यहां किया जाता है. जिसका पैसा राज्य सरकार संबंधित अस्पतालों के माध्यम से सेंटर को करती है. बीपीएल परिवारों को एक्स-रे अल्ट्रासाउंड सीटी स्कैन कराने का पैसा अक्टूबर 2021 एवं जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड का दिसंबर 2020 से बकाया है. इस समस्या को लेकर सीपीएम नेता ने उपायुक्त को लिखित आवेदन भी दिया है कि इस समस्या पर संज्ञान लें ताकि गरीब मरीजों को लाभ मिलता रहे.

देखें पूरी खबर
हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने भी जानकारी दी है कि इस समस्या के बारे में उन्हें जानकारी मिल चुकी है. बहुत जल्द ही सिविल सर्जन से मुलाकात कर पैसा भुगतान कराया जाएगा ताकि सेवा जारी रह सके. जांच का पैसा नहीं मिलने के कारण डायग्नोसिस सेंटर कैसे काम करेगा यह महत्वपूर्ण सवाल है. अब जिला प्रशासन जल्द से जल्द पैसा का भुगतान हो इसके लिए कोशिश कर रही है ताकि सेवा आम जनता को मिलती रहे.

हजारीबागः शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कभी भी स्वास्थ्य जांच सुविधा बंद हो सकती है. सदर अस्पताल कैंपस में हेल्थ मैप डायग्नोसिस सेंटर का लाखों रुपए बकाया होने के कारण सारी सुविधाएं कंपनी के द्वारा रोकी जा सकती है. जिस कारण गरीब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और उन्हें जांच कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख करना पड़ सकता है.
ये भी पढ़ेंः हजारीबाग मेडिकल कॉलेजः पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था जिस अस्पताल का शिलान्यास, तीन साल में नींव भी नहीं हो सकी तैयार

हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ हजारीबाग ही नहीं बल्कि चतरा, कोडरमा, गिरिडीह और बोकारो के कुछ क्षेत्रों के मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. सदर अस्पताल कैंपस में हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक सेंटर खुल जाने से मरीजों को बेहद लाभ मिल रहा है. सेंटर के द्वारा बीपीएल परिवारों और 72000 से कम आय वाले मरीजों को फ्री में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, माथा, छाती और पेट का सीटी स्कैन होता है. वहीं इस सेंटर में सामान्य कोटि के मरीज के भी टेस्ट बाजार से कम मूल्य पर होता है.

डायग्नोसिस सेंटर का लगभग 70 लाख रुपया बकाया है. जिस कारण अब कंपनी यह सेवा अधिक दिनों तक नहीं दे पाएगी. खास करके जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं का फ्री में अल्ट्रासाउंड यहां किया जाता है. जिसका पैसा राज्य सरकार संबंधित अस्पतालों के माध्यम से सेंटर को करती है. बीपीएल परिवारों को एक्स-रे अल्ट्रासाउंड सीटी स्कैन कराने का पैसा अक्टूबर 2021 एवं जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड का दिसंबर 2020 से बकाया है. इस समस्या को लेकर सीपीएम नेता ने उपायुक्त को लिखित आवेदन भी दिया है कि इस समस्या पर संज्ञान लें ताकि गरीब मरीजों को लाभ मिलता रहे.

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हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने भी जानकारी दी है कि इस समस्या के बारे में उन्हें जानकारी मिल चुकी है. बहुत जल्द ही सिविल सर्जन से मुलाकात कर पैसा भुगतान कराया जाएगा ताकि सेवा जारी रह सके. जांच का पैसा नहीं मिलने के कारण डायग्नोसिस सेंटर कैसे काम करेगा यह महत्वपूर्ण सवाल है. अब जिला प्रशासन जल्द से जल्द पैसा का भुगतान हो इसके लिए कोशिश कर रही है ताकि सेवा आम जनता को मिलती रहे.
Last Updated : Apr 3, 2022, 10:03 AM IST
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