हजारीबाग: हजारीबाग में जलस्रोत के पास सरकारी जमीन की 'चोरी' यानी धोखाधड़ी से सरकारी जमीन बेचने के मामले(Encroachment near water bodies in Hazaribag) बढ़ते जा रहे हैं. यही नहीं सरकारी जमीन सड़क पर अतिक्रमण की होड़ लग गई है. नतीजतन खूबसूरत शहर हजारीबाग पर दाग लग गया है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि यातायात व्यवस्था का बुरा हाल हो गया है और पानी निकासी का रास्ता बाधित होने से जलजमाव की स्थिति बनने लगी है. थोड़ी सी बरसात से ही सड़कें पानी में डूब जाती(problem of water logging increased) हैं. हाल के दिनों में कई बार हजारीबाग में ऐसे हालात बने हैं. इस बाबत 2007 में ही झारखंड हाई कोर्ट पीआईएल (PIL in Jharkhand high court) भी दायर की गई, अदालत ने शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश भी दिए. लेकिन पदाधिकारियों ने कोर्ट की भी नहीं सुनी और दिन ब दिन शहर में अतिक्रमण का जाल फैलता जा रहा है.
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हाल यह है कि शहर में अतिक्रमण से साफ-सफाई और जल निकासी व्यवस्था चरमरा गई है. यह समस्या करीब दो दशक से लगातार बनी हुई है, जिसका निदान नहीं कराया जा रहा है. इसको लेकर 2007 में हजारीबाग के समाजसेवी मनोज कुमार गुप्ता ने झारखंड हाई कोर्ट में पीआईएल दायर की थी. इसमें उन्होंने बताया था कि हजारीबाग का शायद ही कोई जल स्रोत हो जहां अतिक्रमण न हो. नदी हो या नाला, नाली या कोई अन्य जलस्रोत और जल निकासी के स्ट्रक्चर सभी जगह अतिक्रमण के कारण हालात बिगड़ रहे हैं. इस पर हाई कोर्ट ने शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे. लेकिन हालात अब भी जस के तस हैं. तमाम स्थानीय लोग इसके लिए निगम और प्रशासनिक अधिकारियों की अतिक्रमणकारियों से साठगांठ को जिम्मेदार ठहराते हैं.
इस मॉनसून सीजन में कई बार डूबीं सड़कें-गलियां
स्थानीय लोगों का कहना है शहर में जलभराव के लिए अफसर और अतिक्रमण करने वाले जिम्मेदार हैं. जो जमीन सरकार की थी उसे भू माफियाओं ने बेच दिया और कुछ पर दबंगों ने अपना आशियाना बना लिया. जिसके कारण इस सीजन में हल्की बारिश में भी कई बार शहर में जलभराव हुआ. जनहित याचिका करने वाले मनोज कुमार गुप्ता बताते हैं कि पहले 50 से 60 लोग अतिक्रमण किए थे. अब सरकारी भूमि और जल स्रोतों की जमीन पर कब्जा करने वालों की संख्या 1000 से 2000 तक के बीच है. हजारीबाग का शायद ही ऐसा कोई जल स्रोत हो जो अतिक्रमण मुक्त हो.
अतिक्रमण का पता लगाने के लिए एजेंसी
इधर पदाधिकारियों का कहना है कि शहर को जल्द ही अतिक्रमण मुक्त करा दिया जाएगा. निगम आयुक्त का कहना है कि वाकई शहर में जलभराव की समस्या की प्रमुख वजह अतिक्रमण है. हालांकि शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए योजना बनाई जा रही है. जल्द ही इसको लेकर स्पेशल ड्राइव चलाया जाएगा. इसके साथ ही नई ड्रेन बनवाई जाएगी, ताकि शहर से ही पानी की निकासी हो. अतिक्रमण का पता लगाने के लिए एजेंसी भी हायर की गई है.