हजारीबाग: जिले में स्वास्थ्य सेवा वेंटिलेटर पर चली गई है. सदर अस्पताल को अपडेट करने को लेकर पूरी ताकत लगा दी गई है. नए भवन बनाए जा रहे हैं, कई मशीनें भी लाई गई हैं. लेकिन वर्तमान में सदर अस्पताल की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है.
वर्तमान समय में हजारीबाग सदर अस्पताल की जो स्थिति है उसे देखकर आप सोचने को विवश हो जाएंगे कि आखिर यहां हो क्या रहा है. सदर अस्पताल में काफी मशक्कत के बाद खराब पड़ा लिफ्ट शुरू किया गया. लेकिन वो फिर से लिफ्ट खराब हो गया और अब नया लिफ्ट लगाने के लिए काम किया जा रहा है. लेकिन इसका सबसे अधिक बुरा प्रभाव मरीजों की जिंदगी पर पड़ रहा है.
बता दें कि सदर अस्पताल में चौथे फ्लोर पर महिला वार्ड होने की वजह से बुजुर्ग मरीजों को परिजन गोद में उठाकर ले जाने को विवश हैं. लिफ्ट खराब होने की वजह से कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है.
हालांकि, यह इकलौती तस्वीर नहीं है. अगर दिनभर अस्पताल में देखा जाए तो दर्जनों ऐसे मामले दिख जाएंगे. ऐसे में अगर मरीज के परिजन संतुलन खो देते है तो एक अनहोनी बड़ी दुर्घटना घट सकती है. जिसके लिए जिम्मेदार कौन होगा यह एक बड़ा सवाल है. ऐसे में अगर लिफ्ट नहीं है तो वैकल्पिक व्यवस्था करने की जरूरत है ताकि मरीजों को परेशानी न हो.