हजारीबागः जिले के बड़कागांव प्रखंड के नापोकला पंचायत के मुरली पहाड़ी के तलछटी में 12 से अधिक हाथियों का झुंड घूम रहा है. इसमें एक हथिनी है, जिसने दो बच्चे को जन्म दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि देर रात जंगल से हाथियों के गर्जन की आवाज सुनाई दी. इससे ग्रामीण डर गए. ग्रामीणों की सूचना पर जंगल पहुंची वन विभाग की टीम ने बताया कि ये किसी हथिनी के प्रसव पीड़ा की आवाज है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
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प्रसव के दौरान तेज गर्जना करती है हथिनी
वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक प्रसव पीड़ा के दौरान हथिनी काफी तेज गर्जना करती है. उन्होंने बताया कि बच्चा जन्म देने के बाद हथिनी को नॉर्मल होने में पांच-छह दिन लगता है, तब तक हथिनी के साथ हाथियों का झुंड वहीं रहेगा. ग्रामीणों ने बताया कि सुबह में गांव के कुछ लोग जंगल में लकड़ी लाने गए थे, तो हाथियों के झुंड में दो बच्चा दिखा जिसके बाद ग्रामीणों ने भी खुशी व्यक्त की है.
बड़े हाथी की सुरक्षा में नवजात हाथी
बता दें कि दो-तीन दिनों पहले बड़कागांव के इसी इलाके से हाथियों के एक झुंड ने उत्पात मचाया था. जिसके बाद स्थानीय ग्रामीण डरे सहमे थे. अब इस इलाके में हाथी के एक बच्चे ने जन्म दिया है. जिससे इस झुंड के कई दिनों तक इस गांव में रहने की आशंका है. विशेषज्ञों के मुताबिक सामान्य दिनों में हाथी एक दिन में 20 किलोमीटर सफर तय करता है लेकिन बच्चा देने के बाद हथिनी की रफ्तार घट जाती है और औसतन एक दिन में 5 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पाती है. 5 से 6 दिन तक हाथी के बच्चे को अन्य हाथी सुरक्षा देते हैं. जानकारों के मुताबिक इस दरम्यान सभी को हाथियों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. उसके पास जाना खतरनाक हो सकता है.