हजारीबागः आमतौर पर मुर्गी पालन को ही व्यवसाय के रूप में देखा जाता है.लेकिन अब ट्रेंड बदलने लगा है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी पालन की जगह लोग बत्तख पालन कर आजीविका कमा रहे हैं. यहां के एक युवा ने 2500 से अधिक बत्तख पाले हैं, जो अब अंडा देने की स्थिति में आ गए हैं. ऐसे में युवक का कहना है कि अगर लीक से हटकर काम करेंगे तभी अच्छी आमदनी कर सकेंगे.
कई युवा कर रहे बत्तख पालन
वहीं सुमन कुमार ने बताया कि एक बड़े फार्महाउस में बत्तख के अंडे और बत्तख का व्यवसाय किया जा रहा है. बत्तख जिस फार्म में रखा जाता है उसके ठीक बगल में मछली पालन के लिए तालाब बनवाया गया है. ऐसे में बत्तख अपने फार्महाउस से निकलकर तालाब में भी देखे जाते हैं और यह दृश्य मनोरम होता है. यहां के युवक भी कहते हैं कि कभी कभार हम लोग आकर तालाब के बगल में बैठते हैं तो देखने में काफी अच्छा लगता है. इधर मोकतमा पंचायत के सरपंच सत्य नारायण सिंह का कहना है कि लीक से हटकर काम करने से युवा दूसरों के लिए भी पथप्रदर्शक बन रहे हैं.