हजारीबाग: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग में भीषण बिजली और पेयजल संकट ने हालात बिगाड़ दिए हैं. दस दिन से बढ़ी परेशानी से न छात्र-छात्रा पढ़ाई कर पा रहे हैं और न समय पर खानपान पर ध्यान दे पा रहे हैं. लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है. इससे शुक्रवार को विद्यार्थियों के सब्र का बांध टूट गया. कॉलेज के छात्र-छात्रा बाल्टी लेकर इकट्ठा हो गए और प्राचार्य से पानी मांगने लगे. हालांकि इस दौरान प्राचार्य समस्या के समाधान और मेडिकल कॉलेज की निर्माण एजेंसी की शिकायत करने डीसी हजारीबाग नैंसी सहाय के पास गए थे. उन्होंने भी डीसी से विद्यार्थियों की समस्या बताई और समाधान कराने की मांग की.
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बता दें कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग की छात्र-छात्राएं इन दिनों पेयजल के लिए परेशान हैं. पिछले 10 दिनों से इन्हें समय पर न तो पानी मिल रहा है और न ही बिजली. ऐसे में छात्र आंदोलन की राह पर चले गए हैं. आलम यह रहा कि छात्र-छात्राएं कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एके सिंह के पास बाल्टी लेकर पहुंच गए कि हमें पानी दीजिए ताकि हम अपनी दिनचर्या पूरा कर सकें.
छात्र अभिषेक कुमार ने बताया कि सुबह 9:00 बजे से हमारा क्लास शुरू हो जाती है. इसके पहले हम लोगों को ब्रेकफास्ट दिया जाता है. लेकिन पानी नहीं रहने के कारण हम लोग समय पर क्लास नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि हमें पानी न मिलने से समय पर हम दिनचर्या ही पूरी नहीं कर पाते. हमारी पढ़ाई और खानपान दोनों प्रभावित हो रहा है. मेडिकल छात्रा आकांक्षा ने बताया कि बिजली की समस्या होने के कारण हम पढ़ नहीं पा रहे हैं. कॉलेज मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण हम लोग परेशान हैं .
दस घंटे बिजली कटौतीः 10 घंटे बिजली नहीं रहती है. इससे हमारी बैट्री आदि भी डिसचार्ज हो जाती हैं, इससे अंधेरे में रहना पड़ता है. जहां एक और तापमान में भारी वृद्धि दर्ज हो रही है और गर्मी से हर कोई कोई परेशान है. बिजली न होने से रात होते ही हमारा कैंपस अंधेरे में डूब जाता है. इससे भी दिक्कत होती है.
2019 में कॉलेज तो बन गया लेकिन सुविधा नहीं मिली. प्राचार्य का कहना है कि झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन के तहत पानी और बिजली उपलब्ध कराना है. वर्तमान में जो कंपनी भवन बना रही है उन्होंने हैंड ओवर भी नहीं किया है. हम लोगों के पास जनरेटर की सुविधा भी नहीं है. हम लोगों ने इस बाबत कॉर्पोरेशन से भी पत्राचार किया है और अब उपायुक्त के पास समस्या समाधान के लिए पहुंचे हैं.