हजारीबाग: निजी स्कूल के मान्यता को लेकर उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद एवं समिति के सदस्यों उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई. मुख्य बात यह है कि 2 साल बीत जाने के बाद भी किसी भी स्कूल को एनओसी नहीं मिला है.
निजी विद्यालयों की मान्यता
निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों के मान्यता से संबंधित बैठक उपायुक्त कार्यालय में आहूत की गई. बैठक में सदर विधायक मनीष जायसवाल, बरही विधायक उमाशंकर अकेला, कोडरमा सांसद प्रतिनिधि भुनेश्वर पटेल, बरकट्ठा विधायक प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. वहीं, शिक्षा विभाग के कई वरीय अधिकारी भी इस बैठक में हिस्सा लिया.
शिक्षाविद समिति के नाम
बैठक में तीन शिक्षाविद समिति के नाम का चयन करने का निर्णय हुआ. इसके साथ ही साथ तीन उप समिति का भी गठन किया गया. विद्यालयों की तरफ से निरीक्षण शुल्क जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में जमा किया जा चुका है. अगली बैठक में इस संबंध में चर्चा की बात भी कही गई. इसके साथ ही साथ जिन विद्यालयों की तरफ से अभी तक निरीक्षण शुल्क जमा नहीं किया गया है वैसे विद्यालय का निरीक्षण शुल्क जमा करने का निर्देश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इस कार्य के लिए समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त करेंगे.
इसे भी पढ़ें-हजारीबाग: भारी मात्रा में अफीम के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार, थाना प्रभारी ने दी जानकारी
स्कूल को नहीं मिला एनओसी
स्कूल की मान्यता को लेकर राज्य सरकार ने 2 वर्ष पूर्व जिला प्रशासन को यह शक्ति निहित किया था कि वह अपने स्तर से ही स्कूल का निरीक्षण कर एनओसी दे, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी एक भी स्कूल को एनओसी नहीं मिला है. ऐसे में कई स्कूल का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है. अब बैठक होने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि वैसे स्कूल जो अहर्ता प्राप्त करते हैं उन्हें एनओसी भी दिया जाएगा ताकि वह अपना एफीलिएशन बोर्ड से करा सके.