ETV Bharat / state

चर्चा में संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति, जानिए क्या है वजह?

author img

By

Published : Feb 4, 2022, 8:59 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 9:40 PM IST

हजारीबाग में संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति में विवाद अब चर्चा-ए-आम है. छात्र संगठन इसको लेकर अब सोशल मीडिया पर टीका-टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल करती हुई पूरी खबर पढ़िए, इस खास रिपोर्ट में.

dispute-between-principal-of-st-columbas-college-and-vinoba-bhave-university-vc-in-hazaribag
हजारीबाग

हजारीबागः देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोप्पो और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के बीच उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब विभिन्न छात्र संगठन सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने इस विवाद की सच्चाई पता लगाने की कोशिश की है.

इसे भी पढ़ें- कोलंबस कॉलेज प्राचार्य ने वीबीयू कुलपति के खिलाफ थाने में दी शिकायत, जानें क्यों लिखाना चाहते हैं एफआईआर

मुकुल नारायण देव ने एक वीडियो क्लिप ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. जिसमें स्पष्ट लग रहा है कि जो आरोप प्राचार्य के द्वारा लगाया गया था, वह निराधार और गलत है. संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोपो विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के ऊपर जातिसूचक शब्द और आपत्तिजनक शब्द रहने के आरोप में एसटी/एससी थाना में उनके खिलाफ आवेदन दिया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
इन दिनों हजारीबाग में संत कोलंबस कॉलेज और विनोबा भावे विश्वविद्यालय काफी सुर्खियों में है. राज्य का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोप्पो ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के ऊपर जातिसूचक शब्द के साथ असंसदीय भाषा कहने और बेइज्जत करने को लेकर एसटीएसपी थाना में आवेदन दिया है. आवेदन में कहा है कि उनके ऊपर एसटी/एससी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया जाए. इस घटना को लेकर जिला में इन दिनों चर्चा का बाजार गर्म है और तरह-तरह का टीका टिप्पणी सोशल मीडिया पर किया जा रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने इस खबर की सच्चाई जानने की कोशिश की. इन आरोपों को लेकर कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव ने सभी आरोपों खारिज करते हुए कहा कि मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह खैरियत है कि हमारे चैंबर में सीसीटीवी कैमरा के साथ-सथ ऑडियो रिकॉर्डिंग भी होता है. जिसमें देखा जा सकता है कि उन्होंने किसी भी तरह का जाति सूचक शब्द नहीं कहा और ना ही उन्हें अपमानित किया है. इसके पीछे किसी तरह का षड्यंत्र है, जिस कारण उन्हें फंसाने और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब वो इस मामले को लेकर अनुशासनात्मक कमिटी में ले जाएंगे. कमिटी तय करेगी उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस घटना से देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के साथ विनोबा भावे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की गई है. वीडियो सामने आने के बाद छात्र संगठन भी इस घटना की कड़ी निंदा कर रहा है. उसका कहना है कि प्राचार्य को इस तरह का झूठा आरोप नहीं लगाना चाहिए, इससे शिक्षक जगत शर्मसार हुआ है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उनके जैसे छात्र भी आश्चर्यचकित हैं कि आखिर किस कारण से देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य ने झूठा आरोप लगाया है.

इसे भी पढ़ें- संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य का निलंबन 1 दिन में वापस, मंगलवार को दिया गया था निलंबन का आदेश

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर भी कहती हैं कि एसटी/एससी एक्ट लोगों को एक शक्ति कानून के द्वारा दिया गया है. लेकिन इसका दुरुपयोग करना बेहद खराब है. वह भी शिक्षा के मंदिर के प्रतिष्ठित कॉलेज के प्रोफेसर ने कुलपति के ऊपर जिस तरह झूठा आरोप लगाया है, इससे शिक्षा जगत भी शर्मिंदा है. आरोप-प्रत्यारोप के पीछे का कारण कुछ भी हो. बहरहाल अनुशासनात्मक कमिटी में इस घटना को ले जाया गया है और देखने वाली बात होगी कमिटी जांच के बाद क्या रिपोर्ट देती है.

हजारीबागः देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोप्पो और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के बीच उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब विभिन्न छात्र संगठन सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने इस विवाद की सच्चाई पता लगाने की कोशिश की है.

इसे भी पढ़ें- कोलंबस कॉलेज प्राचार्य ने वीबीयू कुलपति के खिलाफ थाने में दी शिकायत, जानें क्यों लिखाना चाहते हैं एफआईआर

मुकुल नारायण देव ने एक वीडियो क्लिप ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. जिसमें स्पष्ट लग रहा है कि जो आरोप प्राचार्य के द्वारा लगाया गया था, वह निराधार और गलत है. संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोपो विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के ऊपर जातिसूचक शब्द और आपत्तिजनक शब्द रहने के आरोप में एसटी/एससी थाना में उनके खिलाफ आवेदन दिया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
इन दिनों हजारीबाग में संत कोलंबस कॉलेज और विनोबा भावे विश्वविद्यालय काफी सुर्खियों में है. राज्य का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोप्पो ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के ऊपर जातिसूचक शब्द के साथ असंसदीय भाषा कहने और बेइज्जत करने को लेकर एसटीएसपी थाना में आवेदन दिया है. आवेदन में कहा है कि उनके ऊपर एसटी/एससी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया जाए. इस घटना को लेकर जिला में इन दिनों चर्चा का बाजार गर्म है और तरह-तरह का टीका टिप्पणी सोशल मीडिया पर किया जा रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने इस खबर की सच्चाई जानने की कोशिश की. इन आरोपों को लेकर कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव ने सभी आरोपों खारिज करते हुए कहा कि मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह खैरियत है कि हमारे चैंबर में सीसीटीवी कैमरा के साथ-सथ ऑडियो रिकॉर्डिंग भी होता है. जिसमें देखा जा सकता है कि उन्होंने किसी भी तरह का जाति सूचक शब्द नहीं कहा और ना ही उन्हें अपमानित किया है. इसके पीछे किसी तरह का षड्यंत्र है, जिस कारण उन्हें फंसाने और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब वो इस मामले को लेकर अनुशासनात्मक कमिटी में ले जाएंगे. कमिटी तय करेगी उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस घटना से देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के साथ विनोबा भावे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की गई है. वीडियो सामने आने के बाद छात्र संगठन भी इस घटना की कड़ी निंदा कर रहा है. उसका कहना है कि प्राचार्य को इस तरह का झूठा आरोप नहीं लगाना चाहिए, इससे शिक्षक जगत शर्मसार हुआ है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उनके जैसे छात्र भी आश्चर्यचकित हैं कि आखिर किस कारण से देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य ने झूठा आरोप लगाया है.

इसे भी पढ़ें- संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य का निलंबन 1 दिन में वापस, मंगलवार को दिया गया था निलंबन का आदेश

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर भी कहती हैं कि एसटी/एससी एक्ट लोगों को एक शक्ति कानून के द्वारा दिया गया है. लेकिन इसका दुरुपयोग करना बेहद खराब है. वह भी शिक्षा के मंदिर के प्रतिष्ठित कॉलेज के प्रोफेसर ने कुलपति के ऊपर जिस तरह झूठा आरोप लगाया है, इससे शिक्षा जगत भी शर्मिंदा है. आरोप-प्रत्यारोप के पीछे का कारण कुछ भी हो. बहरहाल अनुशासनात्मक कमिटी में इस घटना को ले जाया गया है और देखने वाली बात होगी कमिटी जांच के बाद क्या रिपोर्ट देती है.

Last Updated : Feb 4, 2022, 9:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.