हजारीबागः देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोप्पो और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के बीच उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब विभिन्न छात्र संगठन सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने इस विवाद की सच्चाई पता लगाने की कोशिश की है.
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मुकुल नारायण देव ने एक वीडियो क्लिप ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. जिसमें स्पष्ट लग रहा है कि जो आरोप प्राचार्य के द्वारा लगाया गया था, वह निराधार और गलत है. संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार टोपो विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव के ऊपर जातिसूचक शब्द और आपत्तिजनक शब्द रहने के आरोप में एसटी/एससी थाना में उनके खिलाफ आवेदन दिया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब वो इस मामले को लेकर अनुशासनात्मक कमिटी में ले जाएंगे. कमिटी तय करेगी उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस घटना से देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के साथ विनोबा भावे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की गई है. वीडियो सामने आने के बाद छात्र संगठन भी इस घटना की कड़ी निंदा कर रहा है. उसका कहना है कि प्राचार्य को इस तरह का झूठा आरोप नहीं लगाना चाहिए, इससे शिक्षक जगत शर्मसार हुआ है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उनके जैसे छात्र भी आश्चर्यचकित हैं कि आखिर किस कारण से देश का प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज के प्राचार्य ने झूठा आरोप लगाया है.
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विनोबा भावे विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर भी कहती हैं कि एसटी/एससी एक्ट लोगों को एक शक्ति कानून के द्वारा दिया गया है. लेकिन इसका दुरुपयोग करना बेहद खराब है. वह भी शिक्षा के मंदिर के प्रतिष्ठित कॉलेज के प्रोफेसर ने कुलपति के ऊपर जिस तरह झूठा आरोप लगाया है, इससे शिक्षा जगत भी शर्मिंदा है. आरोप-प्रत्यारोप के पीछे का कारण कुछ भी हो. बहरहाल अनुशासनात्मक कमिटी में इस घटना को ले जाया गया है और देखने वाली बात होगी कमिटी जांच के बाद क्या रिपोर्ट देती है.