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कृषि कानून का विरोधः 2 दिसंबर को वामदल और विपक्षी पार्टियों की रांची में बैठक

किसानों का कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. हजारीबाग में सीपीआई के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने बताया कि कृषि कानून का कैसे विरोध किया जाए इसे लेकर आगामी 2 दिसंबर को राजधानी रांची में वामदल और विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है.

new agriculture law in hazaribag
सीपीआई की बैठक
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Published : Nov 29, 2020, 2:11 PM IST

हजारीबागः किसान केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध कर रहे. किसान अभी दिल्ली की सीमाओं के आस-पास बड़ी संख्या में मौजूद हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के वार्ता के न्योता के बाद भी किसान अपनी मांग को लेकर अडिग है. अब झारखंड में भी किसानों के समर्थन में वामदल आगे आ रहा है. जिले में सीपीआई के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने जानकारी दी कि आगामी 2 दिसंबर को राजधानी रांची में वामदल और विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है. जहां इस आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.

देखें पूरी खबर
इसे भी पढ़ें- आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक डॉक्टर की तरह मिलेंगे लाभ, बस कैबिनेट की मुहर का इंतजारकृषि कानून किसानों के लिए अहितकारीकिसान का कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. अब झारखंड में भी केंद्र सरकार के कृषि कानून का कैसे विरोध किया जाए इसे लेकर राजनीति बनने जा रही है. आगामी 2 दिसंबर को राजधानी रांची में वामदल और विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है. जिसमें आंदोलन को लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी. हजारीबाग में सीपीआई के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने बताया कि यह कानून किसानों के लिए अहितकारी है. इस कारण इस कानून का विरोध कर रहे हैं. इस कानून में किसी तरह का बदलाव नहीं बल्कि पूर्ण रूप से निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. अगर सरकार बात नहीं मानेगी तो आंदोलन पूरे देशभर में देखने को मिलेगा. वामदल हर एक राज्य में इस बात को लेकर विरोध करने जा रहा है.

हजारीबागः किसान केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध कर रहे. किसान अभी दिल्ली की सीमाओं के आस-पास बड़ी संख्या में मौजूद हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के वार्ता के न्योता के बाद भी किसान अपनी मांग को लेकर अडिग है. अब झारखंड में भी किसानों के समर्थन में वामदल आगे आ रहा है. जिले में सीपीआई के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने जानकारी दी कि आगामी 2 दिसंबर को राजधानी रांची में वामदल और विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है. जहां इस आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.

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