हजारीबाग: गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उनके गुर्गों की हत्या मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई है. इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश 6 ने की. सजा के बिंदु पर विचार करने के बाद अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई. विकास तिवारी और संतोष पांडे को आजीवन उम्र कैद की सजा हुई है. वहीं विशाल कुमार राहुल देव पांडे और दिलीप साव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही साथ अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अर्थदंड भी दिया गया है. अमित शेखर की कोर्ट ने पांच अभियुक्तों को 11 सितंबर को दोषी करार दिया था.
दोषियों को सजा
विकास तिवारी और संतोष पांडे को आईपीसी की धारा 302 और 120B के तहत मरते दम तक उम्रकैद और 40 हजार का जुर्माना, 353 के तहत 2 साल की सजा 6 हजार का जुर्माना, धारा 341 के तहत 1 माह की सजा और 200 रुपए जुर्माना लगाया गया है. वहीं आर्म्स एक्ट 25 (1 -A ) के तहत 8 साल और 25 हजार जुर्माना, धारा 35 के तहत 6 साल की सजा और 15 हजार जुर्माना, और धारा 27-2 के तहत दस साल और 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है. विस्फोटक अधिनियम की धारा 3 के तहत 10 साल और 20 हजार का फाइन, धारा 4 और 5 के तहत 6 साल और 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडे और दिलीप साव के ऊपर धारा 302- 120 B के तहत उम्रकैद और 30 हजार रुपये का फाइन, धारा 341 के तहत 1 माह की सजा 200 का फाइन, धारा 205, धारा 353 के तहत 2 वर्ष और 6 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
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सदर कांड संख्या 602/15 से संबंधित इस मामले में 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें से 5 लोग दोषी पाए गए थे. एक आरोपी शंभू तिवारी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया, जबकि दीपक साव फरार चल रहा है.
2015 में हुई थी सुशील श्रीवास्तव की हत्या
2 जून 2015 की सुबह 11:00 बजे गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उनके दो अन्य को जेपी कारागार से पेशी के लिए हजारीबाग सिविल कोर्ट लाया गया था. जहां पहले से घात लगाए अपराधकर्मियों ने AK-47 राइफल से कोर्ट परिसर में प्रवेश किया. सुशील श्रीवास्तव के कोर्ट पहुंचते ही अंधाधुंध फायरिंग की गई. जिससे कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई. अपराधियों की गोली से सुशील श्रीवास्तव, ग्यास खान और कमाल खान बुरी तरह से घायल हो गए. जिन्हें अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था.