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हजारीबाग: पोषण रथ पर कोरोना का साइड इफेक्ट, बदला प्रचार का तरीका

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Published : Sep 7, 2020, 3:43 PM IST

हजारीबाग में सितंबर महीना समाज कल्याण विभाग पोषण महीने के रूप में मना रहा है, लेकिन इस बार जागरूक करने का तरीका कुछ अलग रहेगा. पम्पलेट और वीडियो के जरिए लोगों तक संदेश पहुंचाने में जुटा है समाज कल्याण विभाग.

nutrition awareness chariot in hazaribag
पोषण रथ

हजारीबाग: हर साल सितंबर महीने में सरकार पोषण रथ रवाना कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है. इस साल भी सितंबर महीने में समाज कल्याण विभाग, पोषण महीने के रूप में मनाया जा रहा है, लेकिन इस बार जागरूक करने का तरीका कुछ अलग रहेगा.

देखें पूरी खबर

जिला प्रशासन जब कोई रथ निकालती है तो उसका यह उद्देश्य रहता है कि अधिक से अधिक लोगों तक संदेश पहुंचा जाए. इसके लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस बार पोषण महीने मनाने का तरीका कुछ अलग रहेगा. जिला प्रशासन अब पम्पलेट और वीडियो माध्यम के जरिए लोगों तक संदेश पहुंचाने का काम करेगी.

हजारीबाग जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने जानकारी दी कि हम लोग भीड़-भाड़ नहीं लगाना चाहते हैं. इस वजह से इस बार हम लोगों ने लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए कुछ नए माध्यम का उपयोग करेंगे, जिसमें 5 सूत्र का जिक्र किया गया है.

पढ़ें: दो जिलों को रोशनी देने वाला खुद अंधेरे में, हफ्ते में सिर्फ 2 से 3 दिन मिलती है बिजली

पहला पहले सुनहरे हजार दिन ,पौष्टिक आहार, एनीमिया, डायरिया और स्वच्छता और साफ-सफाई है. इसके जरिए हम लोग सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को जागरूक करेंगे कि वह बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान रखें. वहीं, गर्भवती महिला के आहार पर सावधानी बरतें ताकि आने वाला बच्चा स्वस्थ जन्मे. जहां एक और संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है तो दूसरी ओर कई ऐसी योजना भी चल रही है, उसका संचालन का तरीका भी बदला है. जरूरत है लोगों को जागरूक होकर ऐसे अभियान का हिस्सा बनने का.

हजारीबाग: हर साल सितंबर महीने में सरकार पोषण रथ रवाना कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है. इस साल भी सितंबर महीने में समाज कल्याण विभाग, पोषण महीने के रूप में मनाया जा रहा है, लेकिन इस बार जागरूक करने का तरीका कुछ अलग रहेगा.

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जिला प्रशासन जब कोई रथ निकालती है तो उसका यह उद्देश्य रहता है कि अधिक से अधिक लोगों तक संदेश पहुंचा जाए. इसके लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस बार पोषण महीने मनाने का तरीका कुछ अलग रहेगा. जिला प्रशासन अब पम्पलेट और वीडियो माध्यम के जरिए लोगों तक संदेश पहुंचाने का काम करेगी.

हजारीबाग जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने जानकारी दी कि हम लोग भीड़-भाड़ नहीं लगाना चाहते हैं. इस वजह से इस बार हम लोगों ने लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए कुछ नए माध्यम का उपयोग करेंगे, जिसमें 5 सूत्र का जिक्र किया गया है.

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पहला पहले सुनहरे हजार दिन ,पौष्टिक आहार, एनीमिया, डायरिया और स्वच्छता और साफ-सफाई है. इसके जरिए हम लोग सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को जागरूक करेंगे कि वह बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान रखें. वहीं, गर्भवती महिला के आहार पर सावधानी बरतें ताकि आने वाला बच्चा स्वस्थ जन्मे. जहां एक और संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है तो दूसरी ओर कई ऐसी योजना भी चल रही है, उसका संचालन का तरीका भी बदला है. जरूरत है लोगों को जागरूक होकर ऐसे अभियान का हिस्सा बनने का.

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