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हजारीबाग में ठेकेदार की मनमानी से जिला परिषद परेशान, राजस्व का हो रहा नुकसान - Hazaribag District Council News

हजारीबाग जिला परिषद के ओर से फॉरेस्ट ऑफिस के सामने भवन का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है, जिससे जिला परिषद को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. ठेकेदारों की मनमनी के कारण अब तक भवन निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सका है.

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भवन निर्माण में ठेकेदारों की मनमानी
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Published : Oct 4, 2020, 6:01 PM IST

हजारीबाग: जिला परिषद ठेकेदारों के मनमानी से काफी परेशान है. आलम यह है कि 5 साल से भवन का निर्माण हो रहा है, लेकिन अब तक तैयार नहीं हो पाया है. ऐसे में जिला परिषद को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि इन्हीं भावनों को बंदोबस्ती कर आर्थिक रूप से सबल होते हैं, उसी पैसे को विकास कार्यों में लगाया जाता है, लेकिन ठेकेदार समय पर भवन बना कर नहीं दे रहा है.

देखें पूरी खबर
हजारीबाग जिला परिषद विभिन्न भवनों से किराए लेता है. यही आय का मुख्य स्त्रोत भी है. हजारीबाग के फॉरेस्ट ऑफिस के सामने नगर भवन का निर्माण हो रहा है, जिसमें लगभग 5 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी, लेकिन 5 साल से यह भवन बनकर तैयार नहीं हुआ है. हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा जब राज्य वित्त मंत्री थे उसी समय उन्होंने शिलान्यास किया था. अप्रैल 2014 के बाद काम भी शुरू हुआ, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है. जिला परिषद अध्यक्ष सुशीला देवी बताती हैं कि 18 महीनों में भवन बनकर तैयार होना था और 6 महीने में एसी, शौचालय और फॉल्स सीलिंग का काम पूरा करना था, लेकिन बार-बार बोलने के बावजूद भी ठेकेदार काम पूरा करके हैंडओवर नहीं कर रहा है.इसे भी पढे़ं:- 5 हजार टन कोयले में लगी आग, आंदोलन की वजह से नहीं हो रहा ट्रांसपोर्टेशनसुशीला देवी का कहना है कि अगर समय पर भवन बन जाता तो इसकी बंदोबस्ती कर पाते, यहां कार्यक्रम का आयोजन होता, जिससे लोगों को पैसा मिलता, लेकिन समय पर भवन निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ है, जिससे आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है. ठेकेदार की मनमानी और जिला परिषद की सुस्ती के कारण कई ऐसे भवन हैं जो निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो रहा है, जिससे राजस्व का नुकसान भी हो रहा है.

हजारीबाग: जिला परिषद ठेकेदारों के मनमानी से काफी परेशान है. आलम यह है कि 5 साल से भवन का निर्माण हो रहा है, लेकिन अब तक तैयार नहीं हो पाया है. ऐसे में जिला परिषद को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि इन्हीं भावनों को बंदोबस्ती कर आर्थिक रूप से सबल होते हैं, उसी पैसे को विकास कार्यों में लगाया जाता है, लेकिन ठेकेदार समय पर भवन बना कर नहीं दे रहा है.

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हजारीबाग जिला परिषद विभिन्न भवनों से किराए लेता है. यही आय का मुख्य स्त्रोत भी है. हजारीबाग के फॉरेस्ट ऑफिस के सामने नगर भवन का निर्माण हो रहा है, जिसमें लगभग 5 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी, लेकिन 5 साल से यह भवन बनकर तैयार नहीं हुआ है. हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा जब राज्य वित्त मंत्री थे उसी समय उन्होंने शिलान्यास किया था. अप्रैल 2014 के बाद काम भी शुरू हुआ, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है. जिला परिषद अध्यक्ष सुशीला देवी बताती हैं कि 18 महीनों में भवन बनकर तैयार होना था और 6 महीने में एसी, शौचालय और फॉल्स सीलिंग का काम पूरा करना था, लेकिन बार-बार बोलने के बावजूद भी ठेकेदार काम पूरा करके हैंडओवर नहीं कर रहा है.इसे भी पढे़ं:- 5 हजार टन कोयले में लगी आग, आंदोलन की वजह से नहीं हो रहा ट्रांसपोर्टेशनसुशीला देवी का कहना है कि अगर समय पर भवन बन जाता तो इसकी बंदोबस्ती कर पाते, यहां कार्यक्रम का आयोजन होता, जिससे लोगों को पैसा मिलता, लेकिन समय पर भवन निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ है, जिससे आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है. ठेकेदार की मनमानी और जिला परिषद की सुस्ती के कारण कई ऐसे भवन हैं जो निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो रहा है, जिससे राजस्व का नुकसान भी हो रहा है.

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