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खोराहर के ग्रामीणों ने किया अनूठा मिशाल पेश, श्रमदान कर किया बोरी बांध का निर्माण - construction of Bori Dam in Khorahar

जल संचयन हेतु हजारीबाग के खोराहर के ग्रामीणों ने अनूठा मिशाल पेश किया है. यहां ग्रामीणों ने श्रमदान से नदी पर बोरी बांध का निर्माण किया, ताकि आसपास के खेतों में पानी की व्यवस्था बेहतर कर रवि फसल का उत्पादन किया जाएगा.

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खोराहर के ग्रामीणों ने किया अनूठा मिशाल पेश
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Published : Nov 23, 2020, 9:37 PM IST

हजारीबाग: जल संचयन हेतु खोराहर के ग्रामीणों ने अनूठा मिशाल पेश किया है. जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत भाजपा नेता रंजीत चंद्रवंशी और सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजय शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने श्रमदान कर बरही प्रखंड स्थित खोराहर गांव के नदी पर बोरी बांध का निर्माण किया. इस बांध से आसपास के खेतों में पानी की व्यवस्था बेहतर कर रवि फसल का उत्पादन किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

बढ़ेगा उत्पादन और आमदनी

मौके पर भाजपा नेता रंजीत चन्द्रवंशी ने भी फावड़ा और बोरी उठाकर श्रमदान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विशेष अभियान चलाकर गांवों में हरियाली लायी जा सकती है. यहां पठारी ईलाका होने के कारण बारिश का पानी बह जाता है, लेकिन इस पानी का संचयन कर गांव में हरियाली लायी जा सकती है. गांव के आसपास गुजरने वाले नदी, नाला, शोत पर बोरी बांध बनाकर वर्षा का जल संचयन किया जा सकता है. पानी की उपलब्धता होने पर किसान भाई आसानी से खेती कर उत्पादन और आमदनी बढ़ा सकती है. जब खेतों में पानी पहुंचेगा तो खेत और किसान के जीवन में हरियाली आएगी.

बोरी बांध एक किफायती उपाय

वहीं, सरपंच कुलदीप सिंह ने कहा कि जल संचयन कर खेतों में पानी पहुंचाने, जानवरों को नहाने और मवेशियों तक पीने का पानी पहुंचाने का कार्य किया जा सकता है. नीलगाय हिरण और कई जंगली जानवरों को इसका लाभ मिलेगा. पक्के चेक डैम के मुकाबले कम लागत वाले इस बोरी बांध के जरिए गांव के लोग न सिर्फ अपने लिए पानी की व्यवस्था कर पाएंगे, बल्कि इससे अपने आय को भी बढ़ा सकेंगे. बोरी बांध एक सस्ता उपाय है. जनशक्ति से जलशक्ति अभियान चलाकर जगह जगह पर बोरी बांध का निर्माण अन्य लाभ भी देता है. इससे भूजल की गुणवत्ता में सुधार होगा. सरल, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल संरचना है, जो खारा पानी के प्रवेश में नियंत्रण लाता है.

श्रमदान कर गांव में लायी जा सकती है हरियाली

सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि बोरी बांध का निर्माण प्रत्येक गांव गांव में किया जा सकता है. इसके लिए ग्राम सभा कर गांव के लोग एक दिन श्रमदान कर अपने-अपने नदी नाले पर बोरी बांध का निर्माण कर सकते हैं. बस जरूरत है इक्षा शक्ति दिखाने की. उन्होंने कहा कि गांव की खुशियाली के लिए खेतों में पानी की उपलब्धता जरूरी है, क्योंकि खूंटी जैसे उग्रवाद प्रभावित इलाकों में सैकड़ों बोरी बांध का श्रमदान कर निर्माण किया गया. वहां के किसान बेहतर खेती कर फसल का उत्पादन बढ़ा रहे हैं. इसी की शुरुवात बरही प्रखंड से हजरीबाग जिले में हुआ है.

इस बांध निर्माण में श्रमदान करने वालों में रंजीत चंद्रवंशी, अजय शर्मा, सरपंच कुलदीप सिंह, परमेश्वर यादव, ऋतुराज चंद्रवंशी, गज्जू चंद्रवंशी, शशि कुमार, सुधांशु कुमार, पिंटू चंद्रवंशी, अमित चंद्रवंशी, राजेश्वर सिंह, त्रिलोकी भुंइयां, राजेंद्र चंद्रवंशी, गंगा चंद्रवंशी, बादल, विशाल, पंकज चंद्रवंशी, आदित्य राम, संतोष चंद्रवंशी, टिंकू चंद्रवंशी, रोहित यादव, धर्मेंद्र चंद्रवंशी, श्याम चंद्रवंशी और रंजीत सिंह मौजूद रहे.

हजारीबाग: जल संचयन हेतु खोराहर के ग्रामीणों ने अनूठा मिशाल पेश किया है. जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत भाजपा नेता रंजीत चंद्रवंशी और सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजय शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने श्रमदान कर बरही प्रखंड स्थित खोराहर गांव के नदी पर बोरी बांध का निर्माण किया. इस बांध से आसपास के खेतों में पानी की व्यवस्था बेहतर कर रवि फसल का उत्पादन किया जाएगा.

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बढ़ेगा उत्पादन और आमदनी

मौके पर भाजपा नेता रंजीत चन्द्रवंशी ने भी फावड़ा और बोरी उठाकर श्रमदान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विशेष अभियान चलाकर गांवों में हरियाली लायी जा सकती है. यहां पठारी ईलाका होने के कारण बारिश का पानी बह जाता है, लेकिन इस पानी का संचयन कर गांव में हरियाली लायी जा सकती है. गांव के आसपास गुजरने वाले नदी, नाला, शोत पर बोरी बांध बनाकर वर्षा का जल संचयन किया जा सकता है. पानी की उपलब्धता होने पर किसान भाई आसानी से खेती कर उत्पादन और आमदनी बढ़ा सकती है. जब खेतों में पानी पहुंचेगा तो खेत और किसान के जीवन में हरियाली आएगी.

बोरी बांध एक किफायती उपाय

वहीं, सरपंच कुलदीप सिंह ने कहा कि जल संचयन कर खेतों में पानी पहुंचाने, जानवरों को नहाने और मवेशियों तक पीने का पानी पहुंचाने का कार्य किया जा सकता है. नीलगाय हिरण और कई जंगली जानवरों को इसका लाभ मिलेगा. पक्के चेक डैम के मुकाबले कम लागत वाले इस बोरी बांध के जरिए गांव के लोग न सिर्फ अपने लिए पानी की व्यवस्था कर पाएंगे, बल्कि इससे अपने आय को भी बढ़ा सकेंगे. बोरी बांध एक सस्ता उपाय है. जनशक्ति से जलशक्ति अभियान चलाकर जगह जगह पर बोरी बांध का निर्माण अन्य लाभ भी देता है. इससे भूजल की गुणवत्ता में सुधार होगा. सरल, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल संरचना है, जो खारा पानी के प्रवेश में नियंत्रण लाता है.

श्रमदान कर गांव में लायी जा सकती है हरियाली

सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि बोरी बांध का निर्माण प्रत्येक गांव गांव में किया जा सकता है. इसके लिए ग्राम सभा कर गांव के लोग एक दिन श्रमदान कर अपने-अपने नदी नाले पर बोरी बांध का निर्माण कर सकते हैं. बस जरूरत है इक्षा शक्ति दिखाने की. उन्होंने कहा कि गांव की खुशियाली के लिए खेतों में पानी की उपलब्धता जरूरी है, क्योंकि खूंटी जैसे उग्रवाद प्रभावित इलाकों में सैकड़ों बोरी बांध का श्रमदान कर निर्माण किया गया. वहां के किसान बेहतर खेती कर फसल का उत्पादन बढ़ा रहे हैं. इसी की शुरुवात बरही प्रखंड से हजरीबाग जिले में हुआ है.

इस बांध निर्माण में श्रमदान करने वालों में रंजीत चंद्रवंशी, अजय शर्मा, सरपंच कुलदीप सिंह, परमेश्वर यादव, ऋतुराज चंद्रवंशी, गज्जू चंद्रवंशी, शशि कुमार, सुधांशु कुमार, पिंटू चंद्रवंशी, अमित चंद्रवंशी, राजेश्वर सिंह, त्रिलोकी भुंइयां, राजेंद्र चंद्रवंशी, गंगा चंद्रवंशी, बादल, विशाल, पंकज चंद्रवंशी, आदित्य राम, संतोष चंद्रवंशी, टिंकू चंद्रवंशी, रोहित यादव, धर्मेंद्र चंद्रवंशी, श्याम चंद्रवंशी और रंजीत सिंह मौजूद रहे.

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