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हजारीबाग: लोगों की सेवा में सामुदायिक किचन निभा रही अहम भूमिका, हर रोज सैकड़ों लोगों को मिल रहा भोजन

हजारीबाग जिले में सामुदायिक किचन से हर रोज सैकड़ों लोगों को भोजन कराया जाता है. इस सामुदायिक किचन में हर दिन लजीज व्यंजन जैसे बिरयानी, लिट्टी चोखा, खीर पूडी, बुंदिया-मिठाई मिलती है.

सामुदायिक किचन
सामुदायिक किचन
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Published : May 30, 2020, 12:55 PM IST

जारीबाग: जिले सामुदायिक किचन से लोगों को भोजन कराने का दौर जारी है. जिसमें 62 दिनों में लगातार पचास हजार से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है. गरीबों के प्रति भोजन पहुंचाने के उद्देश्य के साथ आरंभ हुए इस अभियान की शुरुआत कुछ उत्साही युवाओं ने की थी. धीरे-धीरे इनके दायरे का विस्तार होता चला गया और हर रोज सैकड़ों लोगों को भोजन कराया जाता है.

देखें पूरी खबर

हर दिन मिलता है लजीज भोजन

इस सामुदायिक किचन में हर दिन लजीज व्यंजन जैसे बिरयानी, लिट्टी चोखा, खीर पूडी, बुंदिया-मिठाई परोसी जाती है. इसमें बच्चों के लिए बिस्कुट, चिप्स आदि के पैकेटस बनाकर उपलब्ध कराए जाते हैं.

प्रतिदिन सात से आठ सौ लोगों को मिलता है भोजन

वर्तमान में प्रतिदिन सात से आठ सौ लोगों को स्वच्छ और स्वादिष्ट भोजन दिया जा रहा है. वहीं लॉकडाउन आरंभ होने के दिनों में यह दायरा हजार से अधिक भूखे पेट तक पहुंचता था. इस दौरान आपदा मित्र टीम चौपारण बैनर तले शारीरिक दूरी का अनुपालन के साथ ग्लब्स, फेस मास्क का बखूबी इस्तेमाल करते हैं.

और पढ़ें - 170 करोड़ का घोटालाः रांची में निरंजन के ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो की छापेमारी

भोजन के लिए इनका रहा सहयोग
सामुदायिक किचन को चलाने में स्थानीय व्यवसायी, समाजसेवी, वन विभाग, बीओआई, एसबीआई, अझाप्रा शिक्षक संघ, जैन समाज, सहिया, स्वास्थ्यकर्मी सहित अन्य लोगों ने अपना भरपूर सहयोग दिया.

यहां तक मिली सेवा

ये सेवा हर राहगीर, हर कोरोना योद्धा, प्रखंड के कई क्वॉरेंटाइन सेंटर के साथ-साथ हर दिन आदिम जनजाति बिरहोर और अति गरीब टोले की पूरी आबादी को दी जाती है.

जारीबाग: जिले सामुदायिक किचन से लोगों को भोजन कराने का दौर जारी है. जिसमें 62 दिनों में लगातार पचास हजार से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है. गरीबों के प्रति भोजन पहुंचाने के उद्देश्य के साथ आरंभ हुए इस अभियान की शुरुआत कुछ उत्साही युवाओं ने की थी. धीरे-धीरे इनके दायरे का विस्तार होता चला गया और हर रोज सैकड़ों लोगों को भोजन कराया जाता है.

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हर दिन मिलता है लजीज भोजन

इस सामुदायिक किचन में हर दिन लजीज व्यंजन जैसे बिरयानी, लिट्टी चोखा, खीर पूडी, बुंदिया-मिठाई परोसी जाती है. इसमें बच्चों के लिए बिस्कुट, चिप्स आदि के पैकेटस बनाकर उपलब्ध कराए जाते हैं.

प्रतिदिन सात से आठ सौ लोगों को मिलता है भोजन

वर्तमान में प्रतिदिन सात से आठ सौ लोगों को स्वच्छ और स्वादिष्ट भोजन दिया जा रहा है. वहीं लॉकडाउन आरंभ होने के दिनों में यह दायरा हजार से अधिक भूखे पेट तक पहुंचता था. इस दौरान आपदा मित्र टीम चौपारण बैनर तले शारीरिक दूरी का अनुपालन के साथ ग्लब्स, फेस मास्क का बखूबी इस्तेमाल करते हैं.

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भोजन के लिए इनका रहा सहयोग
सामुदायिक किचन को चलाने में स्थानीय व्यवसायी, समाजसेवी, वन विभाग, बीओआई, एसबीआई, अझाप्रा शिक्षक संघ, जैन समाज, सहिया, स्वास्थ्यकर्मी सहित अन्य लोगों ने अपना भरपूर सहयोग दिया.

यहां तक मिली सेवा

ये सेवा हर राहगीर, हर कोरोना योद्धा, प्रखंड के कई क्वॉरेंटाइन सेंटर के साथ-साथ हर दिन आदिम जनजाति बिरहोर और अति गरीब टोले की पूरी आबादी को दी जाती है.

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