हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नागरिक संशोधन बिल को मंजूरी मिल गई है. इस बिल के अनुसार नागरिकता प्रदान करने से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है. बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए जाने के कारण संबंधित देश से पलायन करने वाले हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
हजारीबाग पहुंचे शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एनआरसी किसी धर्म के खिलाफ नहीं है और न ही भारत के किसी नागरिक को इस विधेयक से परेशानी होगी. उन्होंने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेशी घुसपैठिये जो अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं, उन्हें यहां से लौटना होगा. शाहनवाज हुसैन ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को अब अपना वतन लौटना होगा, क्योंकि हर एक व्यक्ति को अपने देश से प्यार करना चाहिए और बांग्लादेशी भी अपने देश से प्यार करे.
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इस बिल को लाने के लिए पिछले कई महीनों से सरकार तैयारी में थी. वहीं, विपक्षी पार्टियों ने बिल का विरोध किया है. ऐसा बताया जा रहा है कि आने वाले 1 सप्ताह के अंदर इस बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा.