हजारीबाग: पम्मी बस के संचालक ने अपने 13 गाड़ियों पर आग लगने की बात को लेकर न्यायिक जांच की मांग जिला प्रशासन से की है. पम्मी बस हजारीबाग से कई शहरों के लिए चलती है. साल 2000 से लेकर 2020 के बीच लगभग 13 गाड़ियों में आग लग गई, जिससे उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
ऐसे में बस संचालक ने हजारीबाग एसपी को ज्ञापन भी सौंपा है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाए और जो भी इसमें दोषी है उस पर कार्रवाई की जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि विजय बस के संचालक राजकुमार कुशवाहा ने आपसी रंजिश के कारण उनके गाड़ी में आग लगा दी और बाजार में यह अफवाह फैला दिया कि इंश्योरेंस क्लेम के कारण बस संचालक ने खुद की गाड़ी में आग लगा दी है. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. जिन 13 गाड़ियों में आग लगी है उसमें 10 गाड़ी जिसका इंश्योरेंस भी फेल था और वह गाड़ी बस स्टैंड पर खड़ी रहती थी. इस कारण इससे स्पष्ट होता है कि हमने इंश्योरेंस क्लेम के लिए ऐसी घटना को अंजाम नहीं दिया है. उन्होंने यह भी मांग किया है कि सरकार जिस एजेंसी से भी चाहे निष्पक्ष जांच कराएं हम लोग तैयार हैं.
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8 ट्रिप गाड़ी चलाने की इजाजत
2010 में 4, 2015 में 1, 2016 में 1, 2017 में 1, 2018 में 3 बस मे आग लगायी गई. वहीं, 2019 में हजारीबाग जिले से बाहर तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. वहीं, दूसरी ओर उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि 2015 में झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हजारीबाग से रांची के लिए एसी बस का उद्घाटन किया था. जिसका परमिट 2021 तक हम लोगों को दिया गया, लेकिन तत्कालीन कमिश्नर प्रदीप कुमार ने परमिट रद्द कर दिया. हमलोगों को 21 ट्रिप प्रतिदिन दिया गया था. प्रदीप कुमार ने 8 ट्रिप गाड़ी चलाने की इजाजत दी थी. ऐसे में हमलोग का एक भी बस हजारीबाग से रांची नहीं चल रहा है. सारा बस स्टैंड में ही खड़ा है .उनका कहना है कि हम लोगों ने इस बाबत कोर्ट में भी गए हैं और न्यायालय के न्याय का इंतजार कर रहे हैं.