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बीआरपी-सीआरपी महासंघ ने विधायक को सौंपा ज्ञापन, स्कूलों के शत-प्रतिशत संचालन समेत रखी कई मांग - निवेदन समिति सभापति उमा शंकर अकेला

हजारीबाग में बीआरपी-सीआरपी महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर चौपारण बरही विधायक को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने झारखंड राज्य में समग्र शिक्षा अभियान के विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करवाने, विद्यालयों के शत-प्रतिशत संचालन समेत कई मांगें रखी.

brp crp federation submitted memorandum to mla in hazaribag
बीआरपी सीआरपी महासंघ ने विधायक को सौंपा ज्ञापन
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Published : Feb 7, 2021, 6:04 PM IST

हजारीबागः जिला के चौपारण बरही विधायक सह निवेदन समिति सभापति उमा शंकर अकेला को बीआरपी-सीआरपी महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. विधायक ने आश्वासन देते हुए कहा कि मांग को विधानसभा सत्र के दौरान जोरदार तरीके से रखने का काम करेंगे.


बीआरपी-सीआरपी अपने भविष्य को लेकर चिंतित
ज्ञापन में लिखा गया कि झारखंड राज्य में समग्र शिक्षा अभियान के विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करवाने, विद्यालयों के शत प्रतिशत संचालन और गुणवत्ता पुर्ण शिक्षा के लिए मानव संसाधन विभाग की ओर से बीआरपी-सीआरपी की नियुक्ति की गई थी. 15 साल से लगातार सेवा देने के बाद भी बीआरपी-सीआरपी के भविष्य के लिए कोई सेवा शर्त नियमावली का निर्माण नहीं किया गया, जिससे राज्य के लगभग ढाई हजार बीआरपी-सीआरपी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है.

इसे भी पढ़ें- राज्य के 3 विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं ले सकते नीतिगत निर्णय, राजभवन ने जारी किया पत्र

50 प्रतिशत पद बीआरपी-सीआरपी के लिए आरक्षित
विधानसभा के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए विधायक को ज्ञापन सौंपा गया है. जिसमें मुख्य रुप से शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों (विभिन्न विद्यालयों और शिक्षा विभाग के कार्यालयों में तृतीय वर्ग के पद) में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में कार्यरत बीआरपी-सीआरपी के योग्यता और अनुभव के आधार पर सीधे समायोजित करने की मांग. राज्य सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय कमिटी में बीआरपी-सीआरपी को शामिल करें. शिक्षा विभाग में होने वाली शिक्षकों की नियुक्ति में 50 प्रतिशत पद बीआरपी-सीआरपी के लिए आरक्षित करने की मांग शामिल है.

हजारीबागः जिला के चौपारण बरही विधायक सह निवेदन समिति सभापति उमा शंकर अकेला को बीआरपी-सीआरपी महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. विधायक ने आश्वासन देते हुए कहा कि मांग को विधानसभा सत्र के दौरान जोरदार तरीके से रखने का काम करेंगे.


बीआरपी-सीआरपी अपने भविष्य को लेकर चिंतित
ज्ञापन में लिखा गया कि झारखंड राज्य में समग्र शिक्षा अभियान के विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करवाने, विद्यालयों के शत प्रतिशत संचालन और गुणवत्ता पुर्ण शिक्षा के लिए मानव संसाधन विभाग की ओर से बीआरपी-सीआरपी की नियुक्ति की गई थी. 15 साल से लगातार सेवा देने के बाद भी बीआरपी-सीआरपी के भविष्य के लिए कोई सेवा शर्त नियमावली का निर्माण नहीं किया गया, जिससे राज्य के लगभग ढाई हजार बीआरपी-सीआरपी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है.

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50 प्रतिशत पद बीआरपी-सीआरपी के लिए आरक्षित
विधानसभा के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए विधायक को ज्ञापन सौंपा गया है. जिसमें मुख्य रुप से शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों (विभिन्न विद्यालयों और शिक्षा विभाग के कार्यालयों में तृतीय वर्ग के पद) में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में कार्यरत बीआरपी-सीआरपी के योग्यता और अनुभव के आधार पर सीधे समायोजित करने की मांग. राज्य सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय कमिटी में बीआरपी-सीआरपी को शामिल करें. शिक्षा विभाग में होने वाली शिक्षकों की नियुक्ति में 50 प्रतिशत पद बीआरपी-सीआरपी के लिए आरक्षित करने की मांग शामिल है.

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