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हजारीबाग में फंड के अभाव में पुरातात्विक विभाग ने रोकी खुदाई, अब तक मिली हैं कई ऐतिहासिक वस्तुएं

हजारीबाग के बोहरनपुर में पटना इकाई के पुरातात्विक विभाग की टीम ने कई टिलों की खुदाई की है. 22 नवंबर 2019 विधिवत खुदाई प्रारंभ की थी. खुदाई के दौरान 6 से अधिक खंडित मूर्तियों का अलावा कई ऐतिहासिक सामान बरामद हुए हैं, लेकिन फंड की कमी के कारण खुदाई का काम रूक गया, जिससे स्थानीय लोगों में मायूसी है.

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खुदाई पर रोक
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Published : Nov 1, 2020, 10:59 PM IST

हजारीबाग: जिले के बोहरनपुर में पुरातात्विक विभाग के ओर से उत्खनन कार्य कराया जा रहा था. इस दौरान कई ऐतिहासिक वस्तुएं मिली हैं. अब खुदाई का कार्य रुक गया है, जिसका कारण फंड की कमी बताई जा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट
हजारीबाग ऐतिहासिक क्षेत्र के रूप में पूरे देश में पहचाना जाता है. सदर प्रखंड के भी बोहरनपुर क्षेत्र में पुरातत्व विभाग की खुदाई के दौरान कई ऐतिहासिक वस्तुएं मिली हैं. हजारीबाग को बुद्ध सर्किट के हिस्से के रूप में भी देखा जा रहा है, लेकिन अब यहां उत्खनन का कार्य रुक गया है, क्योंकि विभाग के पास फंड का अभाव है. ऐसे में जहां खुदाई कार्य चल रहा था, वहां सन्नाटा पसर गया है और वह क्षेत्र भी अब खस्ताहाल हो गया है. पुरातात्विक बचाओ मंच इन दिनों इस क्षेत्र को संरक्षित करने की कोशिश कर रहा है. उत्खनन कार्य रूक जाने के कारण लोगों में मायूस भी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर क्षेत्र का उत्खनन होता तो और ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं और धरोहर का पता चलता, जिससे इस क्षेत्र का विकास भी होता, पर्यटन के अपार संभावना भी विकसित होती, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार के उदासीन रवैया के कारण खुदाई कार्य रूक गया है.

इसे भी पढे़ं:- कोरोना से बिगड़ा मिडिल क्लास का बजट, रोजगार के साथ रोजी-रोटी पर पड़ रहा असर

मौके से कई ऐतिहासिक वस्तुएं मिलीं
पटना इकाई के पुरातात्विक विभाग की टीम ने बोहरनपुर में कई टिलों की खुदाई की है. 22 नवंबर 2019 विधिवत खुदाई प्रारंभ की थी, जहां 6 से अधिक खंडित मूर्तियां बरामद हुई हैं. खुदाई के दौरान ईंट की जो मोटी दीवार मिली है. उसकी चौड़ाई लगभग डेढ़ फीट और मोटाई 3 से 4 इंच के बीच है. मौके से अब तक तीन मन्नत स्तूप, 2 ध्यान मुद्रा में बैठे खंडित मूर्ति, सहित अनेक छोटे-छोटे कमरे के अवशेष मिले हैं. इस क्षेत्र का एक हजार वर्ष पहले पाल वंश के शासन काल में बुद्ध का काफी विस्तार हुआ था, जहां बुद्ध के अनुयायी तपस्या करने के लिए जंगलों में रहे होंगे.

हजारीबाग: जिले के बोहरनपुर में पुरातात्विक विभाग के ओर से उत्खनन कार्य कराया जा रहा था. इस दौरान कई ऐतिहासिक वस्तुएं मिली हैं. अब खुदाई का कार्य रुक गया है, जिसका कारण फंड की कमी बताई जा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट
हजारीबाग ऐतिहासिक क्षेत्र के रूप में पूरे देश में पहचाना जाता है. सदर प्रखंड के भी बोहरनपुर क्षेत्र में पुरातत्व विभाग की खुदाई के दौरान कई ऐतिहासिक वस्तुएं मिली हैं. हजारीबाग को बुद्ध सर्किट के हिस्से के रूप में भी देखा जा रहा है, लेकिन अब यहां उत्खनन का कार्य रुक गया है, क्योंकि विभाग के पास फंड का अभाव है. ऐसे में जहां खुदाई कार्य चल रहा था, वहां सन्नाटा पसर गया है और वह क्षेत्र भी अब खस्ताहाल हो गया है. पुरातात्विक बचाओ मंच इन दिनों इस क्षेत्र को संरक्षित करने की कोशिश कर रहा है. उत्खनन कार्य रूक जाने के कारण लोगों में मायूस भी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर क्षेत्र का उत्खनन होता तो और ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं और धरोहर का पता चलता, जिससे इस क्षेत्र का विकास भी होता, पर्यटन के अपार संभावना भी विकसित होती, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार के उदासीन रवैया के कारण खुदाई कार्य रूक गया है.

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पटना इकाई के पुरातात्विक विभाग की टीम ने बोहरनपुर में कई टिलों की खुदाई की है. 22 नवंबर 2019 विधिवत खुदाई प्रारंभ की थी, जहां 6 से अधिक खंडित मूर्तियां बरामद हुई हैं. खुदाई के दौरान ईंट की जो मोटी दीवार मिली है. उसकी चौड़ाई लगभग डेढ़ फीट और मोटाई 3 से 4 इंच के बीच है. मौके से अब तक तीन मन्नत स्तूप, 2 ध्यान मुद्रा में बैठे खंडित मूर्ति, सहित अनेक छोटे-छोटे कमरे के अवशेष मिले हैं. इस क्षेत्र का एक हजार वर्ष पहले पाल वंश के शासन काल में बुद्ध का काफी विस्तार हुआ था, जहां बुद्ध के अनुयायी तपस्या करने के लिए जंगलों में रहे होंगे.

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