हजारीबाग: जिला में मंगला और रामनवमी जुलूस निकालने को लेकर इन दिनों आंदोलन के साथ-साथ सियासत भी हो रही है. विधायक मनीष जायसवाल सदन में रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने भी हेमंत सोरेन को मांग पत्र सौंपा है. अब हजारीबाग के पूर्व रामनवमी महासमिति अध्यक्ष सह भाजपा पिछड़ी जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव ने प्रण लिया है कि जब तक रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी, वो चप्पल जूता नहीं पहनेंगे.
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हजारीबाग में रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति को लेकर भाजपा पिछड़ी जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव का अनोखा आंदोलन शुरू हुआ है. प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव ने बड़ा अखाड़ा मंदिर परिसर में संकल्प लिया है कि जब तक रामनवमी जुलूस निकालने का अनुमति नहीं मिलेगी, तब तक जूता चप्पल नहीं पहनेंगे. जुलूस पर पाबंदी के विरोध में उन्होंने नंगे पाव रहने और काम करने का संकल्प लिया है. बड़ा अखाड़ा के महंत विद्यानंद दास ने अमरदीप यादव को पगड़ी पहनाकर आशीर्वाद दिया और कहा कि आपकी मनोकामना अवश्य पूरी हो.
ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए अमरदीप यादव ने कहा कि रामनवमी जुलूस की अनुमति मिलने के बाद ही वह जूता चप्पल पहनेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइंस का हवाला देकर ऐतिहासिक रामनवमी और सरहुल जुलूस पर रोक जारी रखी गई है जो हेमंत सरकार का एक पक्षपातपूर्ण निर्णय है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स समेत हजारीबाग कोरोना मुक्त हो चुका है. सभी पाबंदियां हटाई जा चुकी है तो रामनवमी जुलूस पर रोक समझ से परे है. सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण हजारीबाग जिला प्रशासन और अखाड़ेधारियों के बीच दूरी बन रही है. इसलिए लोकतांत्रिक विरोध किया गया है. अमरदीप विजय शंखनाद संस्था के अध्यक्ष भी है और संस्था की ओर से 28 फरवरी को उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया था.