हजारीबाग: जिले में 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' का विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है. ताकि बेटियों को उचित मंच मिल सके और वह समाज में खुद को स्थापित कर सकें. लेकिन आज भी हमारे समाज में नाबालिग बच्चियों की शादी होती दिख रही है. ऐसा ही मामला हजारीबाग के सुदूरवर्ती दारू प्रखंड के रहमदगा गांव में देखने को मिला. प्रशासन के मुस्तैदी के कारण नाबालिग बच्ची की शादी को रोका जा सका.
प्रशासन ने रूकवाई नाबालिक की शादी
आज गरीबी हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या है, गरीबी के कारण लोग कुछ ऐसा काम कर जाते हैं जिससे उनका परिवार भी बिखर जाता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला है हजारीबाग के सुदूरवर्ती दारू प्रखंड के रहमदगा गांव में जहां एक नाबालिग बच्ची की शादी उसके मां पिता ने गरीबी के कारण कर देना उचित समझा. घर में शादी की तमाम व्यवस्था की गई और गांववालों को बुलाया गया. बकायदा घर में मंडप भी बना लेकिन इसकी सूचना जब जिला प्रशासन को हुई तो दारू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी राम रतन कुमार वर्णवाल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गांव में पुलिस भेजा और शादी रुकवाया.
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गरीबी के कारण नाबालिग करना चाहती थी शादी
उसके बाद बच्ची और उसके परिजन को थाना बुलाया गया फिर नाबालिग बच्ची को जिला बाल कल्याण समिति हजारीबाग को सौंप दिया गया. सोमवार को देर शाम नाबालिक के माता-पिता को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा. वहां बॉन्ड लिखवाकर बच्ची को उसके माचा-पिता के हवाले कर दिया गया. पूरी घटना की विस्तृत जानकारी लेने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी राम रतन कुमार वर्णवाल भी सुदूरवर्ती गांव रहमदगा पहुंचे और परिवार वालों को समझाया कि अब बच्ची के खेलने और पढ़ने का उम्र है उसे पढ़ाई करने दें. इस पर गांव वालों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह बच्ची को पढ़ाएंगे. लेकिन गरीबी के कारण बच्ची भी अपने मां पिता के साथ रहना नहीं चाहती है. वह चाहती है कि शादी हो जाए और वह ससुराल चली जाए. ऐसे में नाबालिक बच्ची ने शादी करने की इच्छा जाहिर की. लेकिन नाबालिग उम्र में शादी करना गैरकानूनी है.
बीडीओ ने अभिभावकों को समझाया
बीडीओ ने अभिभावक से अपील करते हुए कहा है कि आज सरकार की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है।. इसका मकसद बेटियों का सर्वांगीण विकास करना है. इसके लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की सुविधा भी उपलब्ध है। साथ ही साथ अन्य योजनाओं का लाभ बेटियों को दिया जा रहा है. बेटियों को आगे बढ़ाने का अवसर दें.