गुमला: जिले के सिसई महिला थाना में 14 जून 2017 को प्रदीप गिरी नामक एक व्यक्ति पर एक नाबालिग लड़की ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी. थाने में दिए गए आवेदन में नाबालिग लड़की ने बताया था कि 2 फरवरी 2017 की रात में जब वह शौच करने लिए अपने घर से बाहर निकली थी, उसी समय प्रदीप गिरी जो घाघरा थाना क्षेत्र का रहने वाला है वो अपने रिश्तेदार के घर में रहता है. उसने अचानक पकड़ लिया और पिस्टल का भय दिखाकर दुष्कर्म किया था, साथ ही घटना के बारे में किसी को बताने पर छोटी बहन को जान से मारने की धमकी दी थी.
घटना के बाद भयभीत होकर पीड़ित घर आई और घटना के बारे में अपनी छोटी बहन को सारी जानकारी दी, क्योंकि उसके माता-पिता काम करने के लिए हिमाचल प्रदेश गए हुए थे. 17 अप्रैल 2017 की रात्रि में प्रदीप गिरी फिर उसके घर में घुसा और उसके साथ जबरन करने लगा और पिस्तौल का भय दिखाकर फिर दोबारा दुष्कर्म किया और बोला कि यदि इस मामले को किसी को बताया तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा.
आवेदन में नाबालिग बच्ची ने बताई है कि मां बाप के नहीं रहने के कारण वह काफी डर गई थी, लेकिन काफी हिम्मत जुटाकर इस घटना की जानकारी उसने अपनी बुआ को दी फिर उसके बाद अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर सिसई महिला थाने में जाकर पूरे मामले की जानकारी देते हुए प्रदीप गिरी पर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया. थाना में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने गहनता से जांच की और गुमला व्यवहार न्यायालय में इस मामले को भेज दिया, जहां लगभग 3 साल तक इस मामले पर सुनवाई चली, जिसके बाद 30 मई 2020 को आरोपी प्रदीप गिरी को 12 साल की सश्रम कारावास और दस हजार रुपए का आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है.
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मामले पर गुमला व्यवहार न्यायालय के एपीपी चंपा कुमारी ने बताया की पोक्सो के विशेष न्यायाधीश ने पोक्सो एक्ट के एक मामले में आरोपी प्रदीप गिरी को 12 वर्ष की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया है. एपीपी ने कहा कि यह मामला 2017 का है, जिस पर सुनवाई की गई और आज इसमें आरोपी को सजा सुनाया गया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण मंडल कारा में बंद आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाया गया है.