हजारीबाग: जिले की पहचान इसकी झील से है. झील को खूबसूरत करने के लिए इसके पूर्व के नगर निगम बोर्ड ने फाउंटेन लगाया था, लेकिन यह फाउंटेन एक माह भी नहीं चला. आलम यह है कि अब किसके पार्टस चोर चोरी करके ले गए हैं. वर्तमान नगर निगम बोर्ड उसे दुरुस्त करने की जुगाड़ में लगा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद फांउटेन शुरू नहीं हो पाया.
इस कारण जो भी व्यक्ति हजारीबाग-पटना रोड से गुजरता है एक बार झील जरूर आता है और इसकी सुंदरता को आत्मसार की कोशिश करता है. इस झील को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए 8 लाख रुपये की लागत से फाउंटेन बनाया था. फाउंटेन रात के समय चलाया भी जाता था, लेकिन एक माह के अंदर फाउंटेन खराब हो गया और फिर किसी ने इसे बनाने की कोशिश तक नहीं की.
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फाउंटेन बनाने की कोशिश जारी
आलम यह रहा कि पिछले बोर्ड का टेन्योर खत्म हो गया और यह फाउंटेन भी उसके साथ खत्म हो गई. वर्तमान नगर निगम बोर्ड अब फिर से फाउंटेन बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उनका कहना है कि 8 लाख रुपये कि लागत से बनाया गया था 1,00000 रुपये हम लोगों ने कंपनी का सिक्योरिटी के रूप में रखा हुआ है.
इसी पैसे से हम लोग फांउटेन शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं. इंजीनियर भी बनाने के लिए गए थे, लेकिन उन लोगों का कहना है कि इसके पार्टस नहीं है. तो यह शुरू कैसे होगा. अब निगम इसके पास जुगाड़ करने में लगा हुआ है ताकि फिर से शुरू किया जा सके.