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वंदे भारत अभियान: लॉकडाउन के चलते इंग्लैंड में फंसे 15 भारतीय स्वदेश लौटे, हजारीबाग के भी चार शामिल

झारखंड में दूसरे राज्यों से मजदूरों के आने का दौर जारी है. वहीं, अब विदेश से भी भारतीय लौट रहे हैं. हजारीबाग में भी चार भारतीय इंग्लैंड से वापस लौटे हैं, जिन्हें वंदे भारत अभियान के तहत स्वदेश लाया गया है.

15 Indians stranded in England due to lockdown returned jharkhand
इंग्लैंड में फंसे 15 भारतीय स्वदेश लौटे
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Published : May 20, 2020, 7:23 PM IST

हजारीबाग: दुनिया के अन्य देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया जा रहा है. इस मिशन के तहत कोने-कोने से भारतीय स्वदेश लौट रहे हैं. इसी कड़ी में हजारीबाग के चार भारतीयों को इंग्लैंड से लाया गया, जिसमें एक ही परिवार के 3 सदस्य शामिल हैं. इंग्लैंड से इन्हें फ्लाइट से गया लाया गया है. गया से इन्हें हजारीबाग बस से लाया गया. झारखंड में लगभग 15 प्रवासी इंग्लैंड से पहुंचे हैं. हजारीबाग पहुंचने के बाद इन्हें एके इंटरनेशनल होटल में क्वॉरेंटाइन किया गया है. यह लोग 14 दिनों तक इसी होटल में रहेंगे.

जिला प्रशासन ने यह व्यवस्था उनके ही खर्च पर की है. हजारीबाग पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की स्थिति बेहद खराब है. मौत की तादाद बढ़ती जा रही है और ढाई लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं. लॉकडाउन भी किया गया है, लेकिन कठोरता के साथ पालन नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में वहां रहना खतरे से खाली नहीं है. साथ ही साथ देश काफी महंगा है, काम नहीं होने पर स्वदेश लौटना ही बेहतर है. ऐसे में वह लोग वापस लौटे हैं. वापस लौटने के बाद उन्होंने भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे वंदे भारत अभियान की प्रशंसा की है.

ये भी पढ़ें: MSME टूल रूम की कोरोना टेस्टिंग किट निर्माण में अहम भूमिका, सस्ते दर पर होगा उपलब्ध

इंग्लैंड से लौटे लोगों का कहना है कि भारत सरकार जिस तरह से अपने लोगों के लिए इंतजाम कर रही है, यह बेहद ही प्रशंसनीय है. वहां जो व्यक्ति काम कर रहे हैं, उनके लिए तो दिक्कत नहीं है. वहीं, जिनका काम खत्म हो चुका है, अगर वह वहां रह रहे हैं तो उन्हें आर्थिक रूप से भी बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

हजारीबाग: दुनिया के अन्य देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया जा रहा है. इस मिशन के तहत कोने-कोने से भारतीय स्वदेश लौट रहे हैं. इसी कड़ी में हजारीबाग के चार भारतीयों को इंग्लैंड से लाया गया, जिसमें एक ही परिवार के 3 सदस्य शामिल हैं. इंग्लैंड से इन्हें फ्लाइट से गया लाया गया है. गया से इन्हें हजारीबाग बस से लाया गया. झारखंड में लगभग 15 प्रवासी इंग्लैंड से पहुंचे हैं. हजारीबाग पहुंचने के बाद इन्हें एके इंटरनेशनल होटल में क्वॉरेंटाइन किया गया है. यह लोग 14 दिनों तक इसी होटल में रहेंगे.

जिला प्रशासन ने यह व्यवस्था उनके ही खर्च पर की है. हजारीबाग पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की स्थिति बेहद खराब है. मौत की तादाद बढ़ती जा रही है और ढाई लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं. लॉकडाउन भी किया गया है, लेकिन कठोरता के साथ पालन नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में वहां रहना खतरे से खाली नहीं है. साथ ही साथ देश काफी महंगा है, काम नहीं होने पर स्वदेश लौटना ही बेहतर है. ऐसे में वह लोग वापस लौटे हैं. वापस लौटने के बाद उन्होंने भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे वंदे भारत अभियान की प्रशंसा की है.

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इंग्लैंड से लौटे लोगों का कहना है कि भारत सरकार जिस तरह से अपने लोगों के लिए इंतजाम कर रही है, यह बेहद ही प्रशंसनीय है. वहां जो व्यक्ति काम कर रहे हैं, उनके लिए तो दिक्कत नहीं है. वहीं, जिनका काम खत्म हो चुका है, अगर वह वहां रह रहे हैं तो उन्हें आर्थिक रूप से भी बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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