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110 साल की महिला ने किया मतदान, लेकिन वोटिंग के लिए केंद्र पर 1 घंटे करना पड़ा इंतजार - तीसरे चरण के मतदान

हजारीबाग के मतदान केंद्र 450 में एक 110 साल की वृद्ध महिला मतदान करने पहुंची थी. जहां पीठासीन पदाधिकारी ने उन्हें वोट देने के लिए मना कर दिया, उन्हें मतदान करने के लिए 1 घंटें तक इंतजार करना पड़ा.

110 years old women
110 साल की वृद्धा
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Published : Dec 12, 2019, 11:26 AM IST

हजारीबागः लोकतंत्र के महापर्व में सभी की भागीदारी हो, इसके लिए चुनाव आयोग कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. यहां तक कि मतदाताओं को जागरूक करने का भी प्रयास किया गया है, लेकिन हजारीबाग में मतदान के दौरान एक अजीबोगरीब घटना सामने आई. जहां110 साल की महिला को वोट देने से रोक दिया गया. क्योंकि उनके पास पहचान पत्र नहीं था.

देखें पूरी खबर

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यह घटना जिले के मतदान केंद्र 450 में घटित हुई. पहचान पत्र नहीं होने के कारण उन्हें 1 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद उनके परिजनों ने पहचान पत्र लाया और उन्हें वोट दिलाया गया. दरअसल, 110 साल की महिला समरी के पास पर्ची थी, जिस पर्ची में क्यूआर कोड भी था, लेकिन पीठासीन पदाधिकारी ने साफ तौर से ये कहा कि जब तक पहचान पत्र नहीं होगा वोट नहीं देने दिया जाएगा. ऐसे में परिजन काफी परेशान रहे और बाद में उन्होंने घर से पहचान पत्र लाया और वृद्ध महिला को मतदान कराया गया.

हजारीबागः लोकतंत्र के महापर्व में सभी की भागीदारी हो, इसके लिए चुनाव आयोग कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. यहां तक कि मतदाताओं को जागरूक करने का भी प्रयास किया गया है, लेकिन हजारीबाग में मतदान के दौरान एक अजीबोगरीब घटना सामने आई. जहां110 साल की महिला को वोट देने से रोक दिया गया. क्योंकि उनके पास पहचान पत्र नहीं था.

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यह घटना जिले के मतदान केंद्र 450 में घटित हुई. पहचान पत्र नहीं होने के कारण उन्हें 1 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद उनके परिजनों ने पहचान पत्र लाया और उन्हें वोट दिलाया गया. दरअसल, 110 साल की महिला समरी के पास पर्ची थी, जिस पर्ची में क्यूआर कोड भी था, लेकिन पीठासीन पदाधिकारी ने साफ तौर से ये कहा कि जब तक पहचान पत्र नहीं होगा वोट नहीं देने दिया जाएगा. ऐसे में परिजन काफी परेशान रहे और बाद में उन्होंने घर से पहचान पत्र लाया और वृद्ध महिला को मतदान कराया गया.

Intro:लोकतंत्र में सभी की भागीदारी हो कि से लेकर आयोग कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करता रहा है। यहां तक की मतदाताओं को जागरूक करने का भी प्रयास किया गया है। लेकिन हजारीबाग में एक अजीबोगरीब मामला आया है। जिसमें वर्ष की110 वर्ष की महिला को वोट देने से रोक दिया गया क्योंकि उनके पास पहचान पत्र नहीं है। यह मतदान केंद्र 450 में वोट देने के लिए पहुंची थी। बाद में उनके परिजनों ने पहचान पत्र लाया और उन्हें वोट दिलाया।


Body:हजारीबाग के बाद में 110 वर्ष की महिला समरी वोट देने के लिए पहुंची थी। उनकी उम्र के कारण वह चल नहीं पाती है। इस कारण उसके परिजनों ने गोद में उठाकर मतदान केंद्र लाया गया। लेकिन उनके पास अपना पहचान पत्र उस वक्त नहीं था इस कारण उन्हें 1 घंटे तक जद्दोजहद करना पड़ा । बाद में उनके परिजनों के द्वारा घर से जाकर पहचान पत्र लाया गया और उन्हें वोट दिलाया गया। दरअसल 110 वर्ष महिला समरी के पास पर्ची थी। जिस पर्ची में क्यूआर कोड भी था। लेकिन पीठासीन पदाधिकारी के द्वारा साफ तौर से कहा गया कि जब तक पहचान पत्र नहीं होगा वोट नहीं देने दिया जाएगा। ऐसे में परिजन काफी परेशान रहे और बाद में उन्होंने घर से पहचान पत्र लाया और मतदान कराया।





Conclusion:जिस तरह से एक वृद्ध महिला ने घर से निकल कर वोट करने के लिए मतदान केंद्र पहुंची यह काबिले तारीफ है। लेकिन निर्वाचित पदाधिकारी को भी यह बात सोचनी चाहिए कि उनके जज्बे को सलाम करें ना कि उन्हें परेशान।
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