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हजारीबाग में टूटी 100 वर्ष पुरानी परंपरा, पुलिस-पब्लिक में झड़प - कोरोना

हजारीबाग में होली के बाद पहले मंगलवार से रामनवमी यानी चैत्र शुक्ल नवमी (श्रीराम जन्मोत्सव) तक मंगला जुलूस निकालने की परंपरा 100 साल में पहली बार निभाई नहीं जा सकी. इसको लेकर पुलिस और पब्लिक में झड़प भी हुई, पुलिस ने सख्ती कर जुलूस निकालने के लिए अड़े लोगों को खदेड़ा.

100 year old tradition of Mangla juloos broken in Hazaribag
हजारीबाग में टूटी 100 वर्ष पुरानी परंपरा
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Published : Mar 31, 2021, 7:01 AM IST

Updated : Mar 31, 2021, 7:48 AM IST

हजारीबाग: हजारीबाग की रामनवमी यानी श्रीराम जन्मोत्सव पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसको लेकर एक माह पहले यानी होली के बाद पहले मंगलवार से ही मंगला जुलूस निकाला जाने लगता है. हालांकि सरकार ने कोरोना के मद्देनजर जुलूस निकालने पर रोक लगा रखी है, जिससे मंगला जुलूस भी नहीं निकल पाएगा. इसके बावजूद हजारीबाग में रामभक्त जुलूस निकालने के लिए अड़े रहे. इसके मद्देनजर प्रशासन को कई बार इन लोगों से जूझना पड़ा. आलम यह रहा कि पुलिस को इन्हें खदेड़ना भी पड़ा. इस बीच पुलिस पर असामाजिक तत्वों ने पथराव भी किया.

देखें पूरी खबर
ये भी पढ़ें-22 दिनों से आंदोलनरत हैं झारखंड के होमगार्ड जवान, बातचीत तक करने नहीं पहुंचे सरकार के नुमाइंदे

पुलिस ने सख्ती कर खदेड़ा

हजारीबाग की रामनवमी यानी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को श्रीराम जन्मोत्सव देश भर में विख्यात है. हजारीबाग में भी एक माह पहले से रामनवमी की तैयारी शुरू हो जाती है. होली के बाद पहले मंगलवार से रामनवमी तक हर मंगलवार को जुलूस निकाला जाता है. फिलहाल कोरोना के मद्देनजर सरकार का आदेश है कि किसी भी तरह का जुलूस नहीं निकाला जाए. इस बाबत जिला प्रशासन ने आज आदेश भी निर्गत किया था. इसके बावजूद शाम से ही विभिन्न अखाड़े मंगला जुलूस निकालने को लेकर अड़े रहे. ऐसे में प्रशासन को सख्ती करनी पड़ी. कई बार पुलिस और राम भक्तों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. लेकिन पुलिस ने सख्ती करते हुए इन लोगों को खदेड़ दिया. इस बीच असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इस पर पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया. वहीं हजारीबाग सिसिआर डीएसपी जुलूस नहीं निकालने को लेकर लोगों को समझाती रहीं. उनकी गाड़ी भी भीड़ में फस गई, लेकिन किसी तरह वो निकलने में कामयाब रहीं. वहीं घटना को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल हजारीबाग के विभिन्न चौक चौराहों पर तैनात किया गया. खुद एसडीओ घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे और लोगों को समझाते भी नजर आए. दो डीएसपी, 3 थाना प्रभारी, 4 इंस्पेक्टर घटनास्थल पर मौजूद रहे.

100 year old tradition of Mangla juloos broken in Hazaribag
हजारीबाग में टूटी 100 वर्ष पुरानी परंपरा

पुलिस ने की कोविड नियमों का पालन करने की अपील

हजारीबाग सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने बताया कि हम लोग कोविड-19 नियमानुसार जुलूस नहीं निकालने की अपील लोगों से कर रहे हैं .इसके बावजूद विभिन्न अखाड़ों के सदस्य जुलूस निकालने को लेकर अड़े हुए हैं .हम आम जनता से अपील कर रहे हैं कि वह कोविड नियम का पालन करें ताकि समाज सुरक्षित रहे.

72 घंटे तक सड़कों पर रहता है जुलूस


बताते चलें कि हजारीबाग में पिछले 100 साल की परंपरा आज कोविड-19 के कारण टूटी है. हजारीबाग में रामनवमी जुलूस का इतिहास लगभग 100 वर्ष पुराना है. यहां की रामनवमी का जिक्र लोकसभा में भी हो चुका है. इस जुलूस को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं .आलम यह रहता है कि 72 घंटे तक जुलूस सड़कों पर रहता है. उसका आगाज होली के बाद पहले मंगलवार से शुरू होता है.

हजारीबाग: हजारीबाग की रामनवमी यानी श्रीराम जन्मोत्सव पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसको लेकर एक माह पहले यानी होली के बाद पहले मंगलवार से ही मंगला जुलूस निकाला जाने लगता है. हालांकि सरकार ने कोरोना के मद्देनजर जुलूस निकालने पर रोक लगा रखी है, जिससे मंगला जुलूस भी नहीं निकल पाएगा. इसके बावजूद हजारीबाग में रामभक्त जुलूस निकालने के लिए अड़े रहे. इसके मद्देनजर प्रशासन को कई बार इन लोगों से जूझना पड़ा. आलम यह रहा कि पुलिस को इन्हें खदेड़ना भी पड़ा. इस बीच पुलिस पर असामाजिक तत्वों ने पथराव भी किया.

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पुलिस ने सख्ती कर खदेड़ा

हजारीबाग की रामनवमी यानी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को श्रीराम जन्मोत्सव देश भर में विख्यात है. हजारीबाग में भी एक माह पहले से रामनवमी की तैयारी शुरू हो जाती है. होली के बाद पहले मंगलवार से रामनवमी तक हर मंगलवार को जुलूस निकाला जाता है. फिलहाल कोरोना के मद्देनजर सरकार का आदेश है कि किसी भी तरह का जुलूस नहीं निकाला जाए. इस बाबत जिला प्रशासन ने आज आदेश भी निर्गत किया था. इसके बावजूद शाम से ही विभिन्न अखाड़े मंगला जुलूस निकालने को लेकर अड़े रहे. ऐसे में प्रशासन को सख्ती करनी पड़ी. कई बार पुलिस और राम भक्तों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. लेकिन पुलिस ने सख्ती करते हुए इन लोगों को खदेड़ दिया. इस बीच असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इस पर पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया. वहीं हजारीबाग सिसिआर डीएसपी जुलूस नहीं निकालने को लेकर लोगों को समझाती रहीं. उनकी गाड़ी भी भीड़ में फस गई, लेकिन किसी तरह वो निकलने में कामयाब रहीं. वहीं घटना को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल हजारीबाग के विभिन्न चौक चौराहों पर तैनात किया गया. खुद एसडीओ घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे और लोगों को समझाते भी नजर आए. दो डीएसपी, 3 थाना प्रभारी, 4 इंस्पेक्टर घटनास्थल पर मौजूद रहे.

100 year old tradition of Mangla juloos broken in Hazaribag
हजारीबाग में टूटी 100 वर्ष पुरानी परंपरा

पुलिस ने की कोविड नियमों का पालन करने की अपील

हजारीबाग सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने बताया कि हम लोग कोविड-19 नियमानुसार जुलूस नहीं निकालने की अपील लोगों से कर रहे हैं .इसके बावजूद विभिन्न अखाड़ों के सदस्य जुलूस निकालने को लेकर अड़े हुए हैं .हम आम जनता से अपील कर रहे हैं कि वह कोविड नियम का पालन करें ताकि समाज सुरक्षित रहे.

72 घंटे तक सड़कों पर रहता है जुलूस


बताते चलें कि हजारीबाग में पिछले 100 साल की परंपरा आज कोविड-19 के कारण टूटी है. हजारीबाग में रामनवमी जुलूस का इतिहास लगभग 100 वर्ष पुराना है. यहां की रामनवमी का जिक्र लोकसभा में भी हो चुका है. इस जुलूस को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं .आलम यह रहता है कि 72 घंटे तक जुलूस सड़कों पर रहता है. उसका आगाज होली के बाद पहले मंगलवार से शुरू होता है.

Last Updated : Mar 31, 2021, 7:48 AM IST
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