गुमला: जिले के बिशुनपुर गुरदरी थाना क्षेत्र के जवाडीह बॉक्साइट माइंस में गुरुवार को विस्फोट के दौरान चपेट में आने से एक मजदूर की मौत हो गई है. बताया जाता है कि जिस माइंस में मजदूर की मौत हुई है उसका संचालन लोहरदगा निवासी मदन प्रसाद सिंह करता है. घटना के बाद माइंस मालिक के निर्देश पर माइंस कर्मी विस्फोट में घायल मजदूर को लोहरदगा अस्पताल ले गए. जहां जांच कर चिकित्सकों ने मजदूर को मृत घोषित कर दिया. जिसके उपरांत माइंस प्रबंधन ने लोहरदगा में मृतक का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को शव सौंप दिया. परिजनों से माइंस प्रबंधन ने कहा कि गुलशन का मौत ट्रक में बॉक्साइट लोड करने के क्रम में गाड़ी से गिरने से हो गई है.
साथी मजदूरों ने किए चौंकाने वाले खुलासेः गुलशन मुंडा की मौत के प्रत्यक्षदर्शी साथी मजदूरों ने बताया कि गुरुवार सुबह बॉक्साइट लोड करने हम लोग मदन सिंह के माइंस गए थे. जहां हम लोगों के अलावा एक और गाड़ी लगी थी. जहां दोनों गाड़ी के मजदूर बॉक्साइट लोड कर रहे थे, लेकिन इसी बीच मुंशी आया और बारूद और वायर सहित ब्लास्टिंग से संबंधित अन्य सामग्री दी और ब्लास्ट करने के लिए कहा. जिसके उपरांत हम मजदूरों ने सब्बल से ब्लास्टिंग के लिए कई होल तैयार किए. हम लोगों ने एक साथ ब्लास्टिंग वायर में आग लगा दी और छुप गए, लेकिन हम लोगों ने ब्लास्टिंग की गिनती ठीक से नहीं सुनी. एक ब्लास्टिंग शेष रह गया था, जिसे देखने गुलशन मुंडा गया था. जैसे ही वह वहां पर पहुंचा और बारूद ब्लास्ट कर गया. जिससे गुलशन गंभीर रूप से घायल हो गया. मजदूरों ने बताया कि इसकी जानकारी उन लोगों ने मुंशी को तुरंत दी. मुंशी ने अविलंब माइंस मालिक को फोन कर घटना की जानकारी दी. जिसके उपरांत गुलशन सहित सभी मजदूरों को बॉक्साइट ट्रक में बिठाकर लोहरदगा भेज दिया गया. हमें अस्पताल के अंदर जाने से माइंस के मालिकों द्वारा मना कर दिया गया था.
पुलिस मामले की जांच में जुटीः इधर, घटना के संबंध में गुरदरी थाना प्रभारी सदानंद सिंह ने कहा कि घटना की सूचना ना तो हमें माइंस प्रबंधन के द्वारा दी गई है और ना ही ग्रामीणों ने ऐसी कोई शिकायत की है. आज सुबह एक सूत्र ने फोन कर सूचना दी कि गाड़ी से गिरकर एक मजदूर की मौत हुई है. जिसके बाद इसकी सत्यता की जांच के लिए जब गांव पहुंचे तो वहां एक मजदूर का शव देखा. अभी तक सूचना मिली है मजदूर की मौत ट्रक से गिरने से हुई है, लेकिन घटना की पूरी गहनता से जांच-पड़ताल की जा रही है. इधर, इस संबंध में ईटीवी भारत ने पक्ष लेने के लिए मदन सिंह के सहयोगी विकास सिंह के मोबाइल पर फोन किया तो उन्होंने कहा कि मजदूर की मौत गाड़ी से गिरने से हुई है.
माइंस प्रबंधन पर भी उठ रहे कई सवालः अब ऐसे में लोगों ने सवाल यह उठाया है कि जब माइंस विस्फोट के दौरान मजदूर चपेट में आया तो इसकी जानकारी माइंस प्रबंधन ने स्थानीय पुलिस को क्यों नहीं दी. इसके अलावा घायल मजदूर को प्राथमिक उपचार के लिए बिशुनपुर या घाघरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्यों नहीं ले जाया गया. अगर मजदूर की मौत तत्काल हो गई थी तो फिर शव का पोस्टमार्टम गुमला सदर अस्पताल में क्यों नहीं कराया गया था.