गुमला: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चपेट में आने से संक्रमित हुए लोगों को उनके इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. इसमें कुछ ऐसे मरीज हैं जो बिल्कुल स्वस्थ हो रहे हैं. इलाज के बाद जिन मरीजों का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आ रहा है उन्हें उनके घरों में भेजा जा रहा है.
इसी को लेकर शुक्रवार को गुमला सदर अस्पताल और संत जोसेफ अस्पताल से भी ठीक होने वाले 20 लोगों को सिविल सर्जन कार्यालय परिसर के बाहर से विदाई दी गई. इस दौरान फलों की टोकरी दी गई और उनके सम्मान में तालियां बजाई गई.
फल की टोकरी और अन्य सामग्रियां दी गई
शुक्रवार की शाम जिला के गुमला, कामडारा, बसिया, चैनपुर, रायडीह, बिशुनपुर, डुमरी और सिसई प्रखंड के कुल 20 कोरोना संक्रमित/मरीजों का रिपिट टेस्ट नेगेटिव आने के बाद शुक्रवार को सिविल सर्जन गुमला डाॅ. विजया भेंगरा की अगुवाई में सभी को 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा गया, जिसमें कामडारा प्रखंड के 06, गुमला सदर प्रखंड के 05, डुमरी प्रखंड के 03, चैनपुर प्रखंड के 02 और रायडीह, बसिया, बिशुनपुर और सिसई प्रखंड के एक-एक कोरोना मुक्त घोषित करते हुए होम क्वॉरेंटाइन में भेजे गए. उक्त लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आने के बाद 17 मरीजों को सदर अस्पताल स्थित कोविड के आईसोलेशन वार्ड में और 03 मरीजों को संत जोसेफ स्थित कोविड केयर सेंटर में रखा गया था, जिनका रिपिट टेस्ट निगेटिव आने के बाद होम क्वॉरेंटाइन में भेजा गया.
सिविल सर्जन डाॅ. विजया भेंगरा और अन्य चिकित्साकर्मियों की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हुए सभी लोगों का ताली बजाकर विदाई दी गई और 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन में रहने का भी निर्देश दिया गया. इस दौरान सभी स्वस्थ हुए लोगों को इम्युनिटी पावर बनाएं रखने और होम क्वॉरेंटाइन में रहने के लिए जिला प्रशासन की ओर से फल की टोकरी और अन्य सामग्रियां भी दी गई.
मौके पर सिविल सर्जन डाॅ. विजया भेंगरा ने बताया सदर अस्पताल स्थित कोविड अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड के 17 और संत जोसेफ अस्पताल स्थित कोविड केयर सेंटर से 03 कोरोना संक्रमितों को रिपिट टेस्ट में नेगेटिव आने पर उन्हें 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. उन्होंने ने कहा कि जिला प्रशासन के लिए यह काफी सकारात्मक संकेत है. सभी 20 संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से मुक्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड अधिनियम के तहत निर्धारित प्रोटोकाॅल के अनुसार संक्रमितों का इलाज किया गया.