गुमलाः झारखंड के कई ग्रामीण इलाके आजादी के लगभग 8 दशक बाद भी अंधविश्वास के मकड़जाल और बेड़ियों से आजाद नहीं हो पाए हैं. एक तरफ जहां कोरोना के खिलाफ सरकार करोड़ों खर्च कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल किट भेजने से लेकर अस्पताल बनाए जा रहे हैं दूसरी तरफ लोग उचित उपचार के बजाय झाड़ फूंक के कुचक्र से बाहर निकल पा रहे हैं. इसे लोगों की अज्ञानता कहें या फिर पागलपन.
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गुमला के विशुनपुर में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. यहां लोग बीमार पड़ने पर अस्पताल जाने के बजाए घर में ही ओझा गुनी के चक्कर में पड़कर झाड़-फूंक करा रहे हैं. जानकारी के अनुसार बिशुनपुर के मंजीरा गांव में टीकाकरण करने गए स्वास्थ्य कार्यकर्ता व एएनएम को ग्रामीणों ने गांव में घुसता देख घंटा बजाकर इकट्ठे हुए और वहां से खदेड़ दिया.
ग्रामीण बीमार पड़े व्यक्ति को अस्पताल ना ले जाकर ओझा गुनी के चक्कर में पड़कर घर में ही झाड़-फूंक करा रहे हैं. मामले की जानकारी मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा भट्टाचार्य मौके पर पहुंची तो ओझा गुनी कर रहे लोग भाग खड़े हुए वहीं बीमार युवक को अस्पताल में जांच के लिए भेज दिया.
अंधविश्वास तेजी से फैल रहा
गुमला के बिशुनपुर प्रखंड में अंधविश्वास तेजी से फैल रहा है लोग कोविड-19 में दवा लेने से कतरा रहे हैं. इसके साथ ही ग्रामीण बीमार पड़े व्यक्ति को अस्पताल ना ले जाकर ओझा गुनी के चक्कर में पड़कर घर में ही झाड़-फूंक करा रहे हैं.
ताजा मामला बिशनपुर प्रखंड के बनालात गांव का है. यहां पर प्रखंड प्रशासन को जानकारी मिली कि एक युवक की तबीयत खराब है बीमार युवक के परिजन ओझा को घर पर ही बुलाकर झाड़-फूंक कर आ रहे हैं.
मामले की जानकारी मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा भट्टाचार्य मौके पर पहुंची तो ओझा कर रहे लोग भाग खड़े हुए वहीं बीमार युवक को अस्पताल में जांच के लिए भेज दिया.
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना को लेकर अंधविश्वास फैला हुआ है कि कोरोना कि वैक्सीन लेने से तबीयत कई माह तक खराब हो जाती है व मौत भी हो जाती है जिस कारण ग्रामीण अपने स्तर पर घर पर ही ओझा मति करवा रहे है.
दूसरा मामला बिशुनपुर के मंजीरा गांव का है जहां पर टीकाकरण करने गए स्वास्थ्य कार्यकर्ता व एएनएम को ग्रामीणों ने गांव में घुसते देख घंटा बजाकर इकट्ठे हुए और वहां से खदेड़ दिया इसकी जानकारी मिलने के बाद प्रखंड प्रशासन मौके पर पहुंची और लोगों का समझाने का काम कर रही है.