गुमला: जिले के नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र के जंगलों में नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान का जायजा लेने के लिए जिले के एसपी और सीआरपीएफ 218 बटालियन के कमांडेंट जवानों के साथ मोटरसाइकिल से पहुंचे. इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले जंगलों की ऊंची चोटियों पर चढ़कर नक्सलियों के गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए कुरूमगढ़ थाना प्रभारी को एसपी ने कई दिशा निर्देश दिए.
नक्सल प्रभावित इलाके में एसपी और कमांडेंट के मोटरसाइकिल दौरा करने के पीछे नक्सलियों को यह संदेश देना था कि नक्सली पुलिस के समक्ष सरेंडर करें या फिर पुलिस की गोली खाएं. दरअसल इस इलाके को नक्सलियों का मांद कहा जाता है. इस इलाके में नक्सली कुछ वर्षों पहले दिन के उजाले में भी अपनी गतिविधि चलाते रहे हैं. नक्सलियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिए जाने के कारण पुलिसकर्मियों की शहादत भी हो चुकी है लेकिन पिछले तीन चार वर्षों से सीआरपीएफ 218 बटालियन और गुमला पुलिस के संयुक्त अभियान के कारण नक्सली इस इलाके में कमजोर पड़ गए हैं.
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हालांकि नक्सली बीच-बीच में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कुछ ना कुछ घटनाओं को अंजाम देते हैं. यही वजह है कि जिले के नए पुलिस अधीक्षक के रूप में पदभार लेने के बाद एसपी लगातार नक्सल प्रभावित थानों का घूम-घूम कर जायजा ले रहे हैं. इसके साथ ही उन इलाकों के थाना प्रभारियों को कई दिशा निर्देश देते हुए पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के समक्ष होने वाली कठिनाइयों से रूबरू हो रहे हैं.