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पीएलएफआई कमांडर को मौत के घाट उतारने वाली महिला को एसपी ने नगद राशि देकर किया सम्मानित, खाद्य सामग्री भी बांटी

तीन दिन पूर्व टाउन थाना क्षेत्र के बृंदा नायकटोली गांव में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के कमांडर बसंत गोप को मौत के घाट उतारने वाली महिला विनीता उरांव को जिले के एसपी हृदीप ने आज उसके घर पर जाकर 21 हजार रुपये नगद देकर सम्मानित किया है. इसके साथ ही परिवारवालों के लिए एक माह की खाद्य सामग्री भी सहायता के तौर पर दी गई है.

SP conferred cash amount to woman who killed PLFI commander
पीएलएफआई कमांडर को मौत के घाट उतारने वाली महिला को एसपी ने नगद राशि देकर किया सम्मानित
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Published : May 8, 2020, 7:31 PM IST

गुमला: थाना क्षेत्र के बृंदा नायकटोली गांव में मंगलवार की रात को उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के कमांडर बसंत गोप ने अपने दस्ते के साथ पहुंचकर शनिचरा उरांव के परिजनों को मौत के घाट उतारने की नीयत से हमला बोल दिया था. हालांकि समय रहते शनिचरा उरांव के दोनों बेटे घर से भागकर छिप गए थे. जब बसंत गोप ने घर पर धावा बोला और दरवाजा तोड़कर जैसे ही घर के अंदर घुसा, उसी समय दरवाजे के पीछे छिपकर खड़ी विनीता उरांव ने आत्म रक्षार्थ बसंत गोप के ऊपर कुल्हाड़ी से जोरदार प्रहार कर दिया था.

इसके कारण बसंत गोप घायल होकर गिर पड़ा था. जिसे देखते ही उसके साथियों ने उसे उठाकर जंगल में ले जाकर छिपा दिया था, लेकिन घायल अवस्था होने के कारण जंगल में उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद उसे एक गड्ढे में डालकर उसके साथी भाग खड़े हुए थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद रात में ही पुलिस गांव पहुंची थी और मामले की जानकारी ली थी. लेकिन रात होने की वजह से उग्रवादी जंगल में जाकर छिप गए थे.

दूसरे दिन पुलिस ने छापेमारी अभियान चलाकर बसंत गोप के शव को बरामद किया था. बता दें कि दो वर्ष पूर्व बसंत गोप ने शनिचरा उरांव की हत्या कर दी थी. इसके चश्मदीद गवाह शनिचरा उरांव के दोनों बेटे थे. यह मामला कोर्ट में चल रहा था. उग्रवादियों के द्वारा शनिचरा उरांव के दोनों बेटों को कोर्ट में गवाही देने से मना किया जा रहा था. जिसके भय से वे लोग घर छोड़कर भाग गए थे और रांची में रह रहे थे. लॉकडाउन की वजह से जब सब काम बंद हो गया था तो वह वापस गांव लौटे थे. इसकी भनक बसंत गोप को लगी थी और उसने अपने दस्ते के साथ इनकी हत्या करने के नीयत से घर पर धावा बोला था.

गुमला: थाना क्षेत्र के बृंदा नायकटोली गांव में मंगलवार की रात को उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के कमांडर बसंत गोप ने अपने दस्ते के साथ पहुंचकर शनिचरा उरांव के परिजनों को मौत के घाट उतारने की नीयत से हमला बोल दिया था. हालांकि समय रहते शनिचरा उरांव के दोनों बेटे घर से भागकर छिप गए थे. जब बसंत गोप ने घर पर धावा बोला और दरवाजा तोड़कर जैसे ही घर के अंदर घुसा, उसी समय दरवाजे के पीछे छिपकर खड़ी विनीता उरांव ने आत्म रक्षार्थ बसंत गोप के ऊपर कुल्हाड़ी से जोरदार प्रहार कर दिया था.

इसके कारण बसंत गोप घायल होकर गिर पड़ा था. जिसे देखते ही उसके साथियों ने उसे उठाकर जंगल में ले जाकर छिपा दिया था, लेकिन घायल अवस्था होने के कारण जंगल में उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद उसे एक गड्ढे में डालकर उसके साथी भाग खड़े हुए थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद रात में ही पुलिस गांव पहुंची थी और मामले की जानकारी ली थी. लेकिन रात होने की वजह से उग्रवादी जंगल में जाकर छिप गए थे.

दूसरे दिन पुलिस ने छापेमारी अभियान चलाकर बसंत गोप के शव को बरामद किया था. बता दें कि दो वर्ष पूर्व बसंत गोप ने शनिचरा उरांव की हत्या कर दी थी. इसके चश्मदीद गवाह शनिचरा उरांव के दोनों बेटे थे. यह मामला कोर्ट में चल रहा था. उग्रवादियों के द्वारा शनिचरा उरांव के दोनों बेटों को कोर्ट में गवाही देने से मना किया जा रहा था. जिसके भय से वे लोग घर छोड़कर भाग गए थे और रांची में रह रहे थे. लॉकडाउन की वजह से जब सब काम बंद हो गया था तो वह वापस गांव लौटे थे. इसकी भनक बसंत गोप को लगी थी और उसने अपने दस्ते के साथ इनकी हत्या करने के नीयत से घर पर धावा बोला था.

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