गुमला: जिला के डुमरी प्रखंड में ग्रामीणों का तीर्थस्थल सिरासिता धाम के जमीन विवाद मामले को लेकर एक पक्ष के लोग थाना पहुंचे. मामले को लेकर थानेदार मनीष कुमार को सारी जानकारी दी. दूसरे पक्ष के लोगों की ओर से बैठक में नहीं पहुंचने से ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की.
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इधर पहले पक्ष राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत के राष्ट्रीय धर्मअगुवा बीरेंद्र भगत की अगुवाई में विभिन्न प्रदेशों और जिलों से सैंकड़ों ग्रामीण पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार बैठक को लेकर सिरासिता धाम पहुंचे थे. जहां विवादित मामले के दूसरे पक्ष के नहीं आने पर सभी लोगों ने डुमरी थाना पहुंचकर थाना प्रभारी से बात की.
मामला है लंबित
इस पर थाना प्रभारी मनीष कुमार विवादित स्थल पहुंच निरीक्षण किए. जहां सरना समुदाय के लोगों ने बताया कि यह स्थल सरना समाज का प्राकृतिक धरोहर और सृष्टि स्थल है. जहां दूसरे पक्ष के लोगों ने देवचरण भगत पुरखा पचवल ट्रस्ट के नाम पर यहां के प्राकृतिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ करते हुए निर्माण कार्य आरंभ किया है. जबकि पूर्व से ही यह मामला प्रशासन के पास लंबित है.
क्या है पूरा मामला
सिरासिता धाम जिसकी मान्यता सरना धर्म के सृष्टि स्थल के रूप में है. सरना समाज के लोग इसे ककड़ोलता के नाम से भी मानते हैं. यहां एक डाड़ीनुमा जलकुंड है. जहां से सदैव शुद्ध जल निकलता रहता है. जिसमें सालों से देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी निवास करने वाले सरना समाज के लोग अपनी आस्था और भक्ति रखते हैं. इनका आरोप है कि कुछ दिन पहले देवचरण भगत पुरखा पचवल ट्रस्ट के नाम पर एक ही परिवार के लोग इस ऐतिहासिक धरोहर में दावा करने का प्रयास कर रहे थे, जो सरना समाज के लोगों की भावनाओं को आहत करता है. उन्होंने कहा कि जलकुंड में ईंट व सीमेंट के चहारदीवारी दे देने से उसका प्राकृतिक स्वरूप पूरी तरह से बिगड़ गया है. इससे पानी के स्रोत के बंद होने की भी संभवना बनी हुई है.
ग्रामीणों ने की अपील
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जमीन विवाद का ममला लंबित होने के बावजूद निर्माण कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि प्रशासन हस्तक्षेप करते हुए ऐसे निर्माण कार्य को अविलंब बंद कराए. इससे ग्रामीणों में आक्रोश की भावना बढ़ रही है. इसपर पुलिस प्रशासन ने संवैधानिक तरीके से मामले का निपटारा कराने का आश्वासन दिया है.
ये लोग थे मौजूद
मौके पर विद्यासागर केरकेट्टा राष्ट्रीय सलाहकार राजी पाड़ा सरना प्रार्थना सभा, नारायण उरांव केंद्रीय सरना समिति अध्यक्ष, मनीलाल केरकेट्टा राष्ट्रीय महासचिव, रंथु उरांव राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, रवि तिग्गा प्रदेश महासचिव, बीरेंद्र उरांव, अनिल उरांव, कर्मा उरांव, रामदयाल माझी सहित सैंकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे.