गुमलाः गुड़िया देवी गरीबी और तंगहाली की स्थिति में जिले के आंबेडकर नगर में रहती है. गुड़िया के पति बजरंग नायक दिनभर कबाड़ बेचता है और रात में फुटपाथ पर सोता है. गरीबी से परेशान गुड़िया ने कुछ माह के नवजात को 5 हजार रुपये में हरिजन मोहल्ले में एक परिवार के हाथों बेच दिया ताकि पेट की आग बुझ सके.
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बताया जा रहा है कि गुड़िया और बजरंग नायक के चार संतान हैं. इसमें 9 वर्षीय आकाश कुमार और 13 वर्षीय खुशी कुमारी बिहार के बिहटा में ईट भट्ठा में काम करते हैं. एक तीन वर्षीय बेटी दीपावली कुमारी है जो उनके साथ रहती है. इस दीपावली को भी वो बेच रही थी. लेकिन मोहल्ले के लोगों ने उसे बेचने नहीं दिया. अभी गुड़िया अपनी तीन साल की बेटी के साथ रह रही है.
गुड़िया के पास ना रहने के लिए घर है और ना ही खाने के लिए भोजन की व्यवस्था. इतना ही नहीं, तन ढकने के लिए ठीक कपड़े भी नहीं है. मोहल्ले के लोग गुड़िया और उसके तीन वर्षीय बेटी को सुबह-शाम खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं, जिससे उनकी भूख मिट रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि गुड़िया तीन महीने से टीबी की बीमारी से ग्रसित है. मोहल्ले वालों की पहल पर गुड़िया को गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन कुछ दिन इलाज होने के बाद अस्पताल से भाग कर चली आई. अंबेडकर नगर में कबाड़ी दुकान है. इस दुकान के शेड में गुड़िया अपनी तीन साल की बेटी के साथ रात में सोती है.
नवजात बेचने की सूचना अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद और जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी को हुई तो तत्काल एक बोरा चावल और साड़ी देकर खाने पीने की व्यवस्था की. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि जैसे जानकारी मिली तो एक महीने के खाने-पीने की व्यवस्था की. इसके साथ ही गर्म कपड़ा और साड़ी भी उपलब्ध करवाया गया. अनुमंडल पदाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया कि बेचे गए नवजात को वापस लेकर गुड़िया को सौंपना सुनिश्चित करें.