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पारा शिक्षकों को नहीं मिला 3 महीने का मानदेय, कहा- भुखमरी की है स्थिति - para teachers in gumla

गुमला के बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र के पारा शिक्षकों का मानदेय पिछले तीन महीने से रोक दिया गया है. पारा शिक्षकों का कहना है कि एनावेज के जरिए सत्र 2017-19 में शिक्षक प्रशिक्षण पूर्ण करते हुए उत्तीर्ण हुए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों को अप्रशिक्षित मान रहा है.

Para Teachers
पारा शिक्षक
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Published : Jan 14, 2020, 7:11 PM IST

गुमला: जिले के बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र के पारा शिक्षकों का मानदेय पिछले तीन महीने से रोक दिया गया है. इसको लेकर पारा शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल ने गुमला के उप विकास आयुक्त से मिलकर अपनी समस्याओं का निदान करने की गुहार लगायी है.

देखिए पूरी खबर

पारा शिक्षकों का कहना है कि एनावेज के जरिए सत्र 2017-19 में शिक्षक प्रशिक्षण पूर्ण करते हुए उत्तीर्ण हुए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों को अप्रशिक्षित मान रही है, जबकि इस सत्र का रिजल्ट 22 मई 2019 को जारी किया गया था. इसके बाद राज्य के सभी जिलों के पारा शिक्षकों को डीएलएड पास करने के बाद उनका मानदेय देने का काम शुरू कर दिया गया था, लेकिन गुमला जिला शिक्षा अधीक्षक ने जिले के सभी डीएलएड पास पारा शिक्षकों के मानदेय को अप्रशिक्षित मानकर रोक दिया है.

बिशुनपुर प्रखंड से आए पारा शिक्षकों ने बताया कि अक्टूबर 2019 से मानदेय की राशि को रोक दी गयी है. हमने प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया है, जबकि विभाग का कहना है कि आप लोगों को अप्रशिक्षित माना गया है. इसी वजह से सभी पारा शिक्षकों का मानदेय रोका गया है. हमारे मानदेय को रोके जाने के कारण हमारे घर की माली हालत बिगड़ गई है. इसी वजह से मजबूर होकर हमें जिला में आकर बड़े अधिकारियों के समक्ष गुहार लगानी पड़ रही है.

ये भी पढे़ं: पलामू: TPC का एरिया कमांडर गिरफ्तार, कई कांडों का हुआ खुलासा
वहीं, जिले को विकास आयुक्त ने इस मामले पर कहा कि बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र से पारा शिक्षकों ने मानदेय रोके जाने की बात से हमें अवगत कराया है. हमने उनकी पूरी बातों को समझा है और इसके संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्राचार किया है. जल्द ही पारा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने की समस्या का निदान किया जाएगा.

गुमला: जिले के बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र के पारा शिक्षकों का मानदेय पिछले तीन महीने से रोक दिया गया है. इसको लेकर पारा शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल ने गुमला के उप विकास आयुक्त से मिलकर अपनी समस्याओं का निदान करने की गुहार लगायी है.

देखिए पूरी खबर

पारा शिक्षकों का कहना है कि एनावेज के जरिए सत्र 2017-19 में शिक्षक प्रशिक्षण पूर्ण करते हुए उत्तीर्ण हुए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों को अप्रशिक्षित मान रही है, जबकि इस सत्र का रिजल्ट 22 मई 2019 को जारी किया गया था. इसके बाद राज्य के सभी जिलों के पारा शिक्षकों को डीएलएड पास करने के बाद उनका मानदेय देने का काम शुरू कर दिया गया था, लेकिन गुमला जिला शिक्षा अधीक्षक ने जिले के सभी डीएलएड पास पारा शिक्षकों के मानदेय को अप्रशिक्षित मानकर रोक दिया है.

बिशुनपुर प्रखंड से आए पारा शिक्षकों ने बताया कि अक्टूबर 2019 से मानदेय की राशि को रोक दी गयी है. हमने प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया है, जबकि विभाग का कहना है कि आप लोगों को अप्रशिक्षित माना गया है. इसी वजह से सभी पारा शिक्षकों का मानदेय रोका गया है. हमारे मानदेय को रोके जाने के कारण हमारे घर की माली हालत बिगड़ गई है. इसी वजह से मजबूर होकर हमें जिला में आकर बड़े अधिकारियों के समक्ष गुहार लगानी पड़ रही है.

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वहीं, जिले को विकास आयुक्त ने इस मामले पर कहा कि बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र से पारा शिक्षकों ने मानदेय रोके जाने की बात से हमें अवगत कराया है. हमने उनकी पूरी बातों को समझा है और इसके संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्राचार किया है. जल्द ही पारा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने की समस्या का निदान किया जाएगा.

Intro:गुमला : जिले के बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र के पारा शिक्षकों का मानदेय पिछले तीन महीनों से रोक दिया गया है । जिसको लेकर पारा शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल गुमला के उप विकास आयुक्त से मिलकर अपनी समस्याओं का निदान करने का गुहार लगाया है । पारा शिक्षकों का कहना है कि सभी ने सरकार के द्वारा एनावेज के जरिए द्वारा सत्र 2017 - 19 में शिक्षक प्रशिक्षण पूर्ण करते हुए उत्तीर्ण हुए हैं । लेकिन शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों को अप्रशिक्षित मान रही है । जबकि इस सत्र का रिजल्ट 22 मई 2019 को जारी किया गया था । जिसके बाद राज्य के सभी जिलों के पारा शिक्षकों को डीएलएड पास करने के बाद उनका मानदेय देने का काम शुरू कर दिया गया था । लेकिन गुमला जिला शिक्षा अधीक्षक ने जिले के सभी डीएलएड पास पारा शिक्षकों के मानदेय को अप्रशिक्षित मानकर रोक दिया गया है ।

Body:बिशुनपुर प्रखंड से आए पारा शिक्षकों ने बताया कि अक्टूबर 2019 से मानदेय की राशि को रोक दिया गया है। हमने प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया है जबकि विभाग का कहना है कि आप लोग को अप्रशिक्षित माना गया है इसी वजह से सभी पारा शिक्षकों का मानदेय रोका गया है। हमारे मानदेय को रोके जाने के कारण हमारे घर की माली हालत बिगड़ गई है । इसी वजह से मजबूर होकर हमें जिला में आकर बड़े अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाना पड़ रहा है ।

Conclusion:पारा शिक्षकों ने बताया कि मानदेय नहीं मिलने की वजह से हमारी स्थिति भुखमरी जैसी हो गई है। हमारी स्थिति अभी एसी है कि हम लोग मनरेगा के तहत मजबूर दूरी नहीं कर सकते हैं ।

वहीं जिले को विकास आयुक्त ने इस मामले पर कहा कि बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र से पारा शिक्षकों ने मानदेय रोके जाने की बात से हमें अवगत कराया है हमने उनकी पूरी बातों को समझा है और इसके संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र चार किया है जल्द ही पारा शिक्षकों के मानदेय नहीं मिलने की समस्या का निदान किया जाएगा

बाईट a: अनिल भारती ( पारा शिक्षक)
बाईट b: सन्तोष भगत ( पारा शिक्षक)
बाईट c: हरि केशरी ( डीसीसी,गुमला)
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