गुमला: जिले के सदर अस्पताल में पिछले 3 दिनों से एंटी रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. बकायदा अस्पताल प्रबंधन ने इसको लेकर दवा खाने के बाहर नोटिस भी चिपका दिया है.
60 से 70 मरीज
बता दें कि अनुसूचित जनजाति बहुल गुमला जिले की कुल जनसंख्या 2011 के जनगणना के अनुसार, 10 लाख 25 हजार 656 है. इसमें से हर दिन करीब 60 से 70 लोग कुत्ते के शिकार होकर घायल हो रहे हैं और जब वे इलाज कराने के लिए गुमला सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं तो एंटी रेबीज की दवा ही नहीं मिल रही है.
ये भी पढ़ें- गला दबाकर एक शख्स की हत्या, शव को नाले में फेंका
मरीज परेशान
गुमला जिला के अलावे पड़ोसी जिले के लोग भी गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में एक बड़ी आबादी वाले इस जिले के साथ-साथ अन्य जिलों के मरीजों का गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराए जाने से अस्पताल को काफी सुदृढ़ रखना चाहिए. मगर इस अस्पताल में सरकार की ओर से मुफ्त मिलने वाली दवा भी नहीं है और न ही एंटी रैबीज का इंजेक्शन. ऐसे में जो गरीब तबके के लोग अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
ये भी पढ़ें- पलामू में सड़क दुर्घटना में हर सप्ताह 5 लोगों की जाती है जान, ज्यादातर युवा हो रहे शिकार
'वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है'
अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से सदर अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं है. जिसको लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.