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सदर अस्पताल में नहीं है एंटी रेबीज इंजेक्शन, कुत्ते के शिकार हुए मरीज परेशान

गुमला सदर अस्पताल में पिछले 3 दिनों से एंटी रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण कुत्ते का शिकार हुए मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. बता दें कि गुमला जिले में हर दिन करीब 60 से 70 लोग कुत्ते के शिकार होकर घायल हो रहे हैं

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गुमला सदर अस्पताल
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Published : Jan 15, 2020, 5:55 PM IST

गुमला: जिले के सदर अस्पताल में पिछले 3 दिनों से एंटी रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. बकायदा अस्पताल प्रबंधन ने इसको लेकर दवा खाने के बाहर नोटिस भी चिपका दिया है.

देखें पूरी खबर

60 से 70 मरीज
बता दें कि अनुसूचित जनजाति बहुल गुमला जिले की कुल जनसंख्या 2011 के जनगणना के अनुसार, 10 लाख 25 हजार 656 है. इसमें से हर दिन करीब 60 से 70 लोग कुत्ते के शिकार होकर घायल हो रहे हैं और जब वे इलाज कराने के लिए गुमला सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं तो एंटी रेबीज की दवा ही नहीं मिल रही है.

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मरीज परेशान
गुमला जिला के अलावे पड़ोसी जिले के लोग भी गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में एक बड़ी आबादी वाले इस जिले के साथ-साथ अन्य जिलों के मरीजों का गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराए जाने से अस्पताल को काफी सुदृढ़ रखना चाहिए. मगर इस अस्पताल में सरकार की ओर से मुफ्त मिलने वाली दवा भी नहीं है और न ही एंटी रैबीज का इंजेक्शन. ऐसे में जो गरीब तबके के लोग अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

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'वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है'
अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से सदर अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं है. जिसको लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.

गुमला: जिले के सदर अस्पताल में पिछले 3 दिनों से एंटी रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. बकायदा अस्पताल प्रबंधन ने इसको लेकर दवा खाने के बाहर नोटिस भी चिपका दिया है.

देखें पूरी खबर

60 से 70 मरीज
बता दें कि अनुसूचित जनजाति बहुल गुमला जिले की कुल जनसंख्या 2011 के जनगणना के अनुसार, 10 लाख 25 हजार 656 है. इसमें से हर दिन करीब 60 से 70 लोग कुत्ते के शिकार होकर घायल हो रहे हैं और जब वे इलाज कराने के लिए गुमला सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं तो एंटी रेबीज की दवा ही नहीं मिल रही है.

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मरीज परेशान
गुमला जिला के अलावे पड़ोसी जिले के लोग भी गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में एक बड़ी आबादी वाले इस जिले के साथ-साथ अन्य जिलों के मरीजों का गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराए जाने से अस्पताल को काफी सुदृढ़ रखना चाहिए. मगर इस अस्पताल में सरकार की ओर से मुफ्त मिलने वाली दवा भी नहीं है और न ही एंटी रैबीज का इंजेक्शन. ऐसे में जो गरीब तबके के लोग अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

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'वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है'
अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से सदर अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं है. जिसको लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.

Intro:गुमला सदर अस्पताल में पिछले 3 दिनों से एंटीरैवेब की दवा उपलब्ध नहीं है बकायदा अस्पताल प्रबंधन ने इसको लेकर दवा खाने के बाहर नोटिस भी चिपका दिया है वैसे आपको बता दें कि अनुसूचित जनजाति बहुल गुमला जिले की कुल जनसंख्या 2011 के जनगणना के अनुसार 10 लाख 25 हजार 656 है । इसमें से हर दिन करीब 60 से 70 लोग कुत्ते के शिकार होकर घायल हो रहे हैं,और जब वे इलाज कराने के लिए गुमला सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं तो एंटी रेबीज की दवा ही नहीं मिल रही है ।

Body:गुमला जिला के अलावे पड़ोसी जिले के लोग भी गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं । ऐसे में एक बड़ी आबादी वाले इस जिले के साथ-साथ अन्य जिलों के मरीजों का गुमला सदर अस्पताल में इलाज कराए जाने से अस्पताल को काफी सुदृढ़ रखना चाहिए मगर इस अस्पताल में सरकार की ओर से मुफ्त मिलने वाली दवा भी नहीं है और ना ही एंटीरैबीज का इंजेक्शन है ।।ऐसे में जो गरीब तबके के लोग अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है । ऐसे ही एक परिजन जिनके बेटे को कुत्ते ने काट लिया है वे जब अस्पताल में अपने बेटे का इलाज कराने के लिए पहुंचे तो उनके बेटे को एंटी रेबीज का इंजेक्शन है अस्पताल में नहीं मिला । ऐसे में उनका कहना है कि हम लोग दैनिक मजदूरी करने वाले व्यक्ति एंटी रैबीज जैसे महंगे इंजेक्शन को हम लोग कहां से खरीद पाएंगे ।

Conclusion:अस्पताल प्रबंधन के कर्मचारी ने बताया कि पिछले 3 दिनों से सदर अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं है । जिसको लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है जब बड़े अधिकारियों का आदेश मिलेगा उसके बाद एंटी रैबीज का इंजेक्शन का क्रय किया जाएगा । उनसे जब पूछा गया कि कब तक अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएगा तो उन्होंने कहा कि यह सरकारी प्रक्रिया है और सरकारी प्रक्रिया में कब तक इंजेक्शन आ जाएगा यह कहना मुश्किल है । उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रत्येक दिन 60 से 70 ऐसे मरीज आते हैं जो कुत्ते के शिकार हुए होते हैं ।

बाईट :प्रमोद केरकेट्टा ( ग्रामीण )
बाईट : चन्द्र किशोर प्रसाद आजाद ( कर्मचारी , सदर अस्पताल ,गुमला )
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